Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तीन साल की जेल और खत्म हुआ राजनीतिक करियर! इमरान खान का 'खजाने वाला कमरा' उन्हीं पर कैसे पड़ा भारी

    By Nidhi AvinashEdited By: Nidhi Avinash
    Updated: Sat, 05 Aug 2023 04:06 PM (IST)

    इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने इमरान खान को तीन साल की सजा सुनाई है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना केस (Toshakhana Case) में दोषी ठहराया गया हैं।इमरान खान को लाहौर में उनके जमान पार्क घर से गिरफ्तार किया गया और फिर लाहौर से इस्लामाबाद भेजा गया। आइये जान लेते है क्या है तोशाखाना केस जिसने इमरान खान के राजनीतिक करियर की धज्जियां उड़ा दी है।

    Hero Image
    Toshakhana Case Imran Khan: इमरान खान का 'खजाने वाला कमरा' उन्हीं पर कैसे पड़ा भारी

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Toshakhana Case Imran Khan: इमरान खान को क्या पता था की उनको दिए गए तोहफे उन्हीं के लिए एक दिन मुसीबत का सबब बन जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहते हुए इमरान खान ने कई आधिकारिक विदेश यात्रा की। इस दौरान उन्हें करीब साढ़े 14 करोड़ रुपये के ऐसे कई गिफ्ट मिले जो उन्होंने तोशाखाने में जमा कराए। इसके बाद इमरान खान ने उन्हें सस्ते में खरीदा और बड़ी कीमत पर बेच दिया। अब इमरान खान इसकी सजा भुगत रहे है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आज का दिन (5 अगस्त) उनके लिए काफी बुरा साबित हुआ, जब इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुना डाली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशखाना केस में दोषी ठहराया गया हैं। इमरान खान को लाहौर में उनके जमान पार्क घर से गिरफ्तार किया गया और फिर लाहौर से इस्लामाबाद भेजा गया। आइये जान लेते है क्या है तोशाखाना केस, जिसने इमरान खान के राजनीतिक करियर की धज्जियां उड़ा डाली।

    तोशाखाना केस?

    तोशाखाना शब्द, फारसी भाषा का एक शब्द है। इसका मतलब होता है 'खजाने वाला कमरा'। इसका इस्तेमाल मुगलों के दौर में किया जाता था। इसमें राजसी लोगों को मिलने वाले गिफ्ट और तोहफे को रखा जाता था। आजादी के बाद पाकिस्तान में तोशाखाना की स्थापना 1974 में की गई थी। इसे कैबिनेट डिविजन के नियंत्रण में रखा जाता है। विदेश दौरे पर गए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, कैबिनेट मंत्री, सरकारी अधिकारियो को जो भी तोहफे मिलते है, उन्हें इसी तोशाखाना में ही रखा जाता है।

    पूरी दुनिया में है तोशाखाना का कांसेप्ट

    तोशाखाना का कांसेप्ट भारत या पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है। विदेश से मिलने वाले तोहफे को सरकारी अधिकारियों को 30 दिनों के अंदर जमा कराना होता है। भारत में तोशाखाना का काम विदेश मंत्रालय संभालती है। भारत में तोशाखाना का नियम यह है कि सरकारी अधिकारियों को मिले गए तोहफे अगर 5 हजार से कम कीमत का है तो वह उसे अपने पास रख सकते है।

    वहीं, अगर इसकी कीमत 5 हजार से अधिक है तो वह अपने पास ये तोहफे नहीं रख सकते है। इसके लिए तोहफे को असल कीमत पर खरीदना पड़ता है। आसान भाषा में समझें तो कोई भी देश किसी व्यक्ति को गिफ्ट नहीं देता बल्कि उसके ओहदे और देश को दिया जाता है, इसलिए इन तोहफों को जमा कराने का नियम है।

    पाकिस्तान में क्या है नियम?

    पाकिस्तान में तोशाखाना का नियम यह कहता है कि किसी भी सरकारी अधिकारी को अगर विदेश दौरे के दौरान कोई तोहफा मिलता है तो वो तोशाखाना में जमा कराया जाएगा। तोहफे को जमा कराने के लिए एक कीमत तय की गई है, अगर उस तय कीमत से अधिक रकम का तोहफा हुआ तो उसे तोशाखाना में जमा कराना होता है। इस दौरान अगर किसी सरकारी अधिकारी को कोई तोहफा पसंद आ जाता है तो वह उसे बाजार की दर से वो तोहफा खरीदना पड़ता है। पाकिस्तान में इसके लिए एक कमिटी भी बनाई गई है।

    पाकिस्तान के इन अधिकारियों को मिले कई बेशुमार तोहफे

    पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सीनेट के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन, नेशनल असेंबली के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री, संसद के सदस्य, सरकारी अधिकारी और स्वायत्त और अर्ध-स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारियों को विदेश दौरे के दौरान कई बेशुमार तोहफे मिले। हालांकि, इनका रिकॉर्ड जागरूक नहीं किया गया।

    पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और यूसुफ रजा गिलानी के ऊपर तोशाखाना में धांधली करने का केस चल रहा है। सितंबर 2021 में एक पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी ने तोशाखाना को लेकर खुलासा किया। इसमें बताया गया की तोशाखाना के नियमों का सही से पालन नहीं किया जा रहा है। लोग जान-बूझकर गिफ्ट की कीमत घटाकर बताते है, ताकि उन्हें कम कीमत पर खरीदा जा सके। इसके अलावा ये भी खुलासा किया गया कि पुराने तोहफों की सार्वजनिक निलामी कभी नहीं की गई।

    इमरान खान पर क्या आरोप?

    • इमरान खान ने तोशाखाना से अपने पास रखे गए तोहफे की डिटेल्स जानबुझकर छिपाया
    • अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने इमरान खान के खिलाफ फैसला सुनाया
    • 70 वर्षीय पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख इमरान खान को तीन महीने में दूसरी बार गिरफ्तार किया गया

    कब-कब तोशाखाना मामले में फंसे इमरान खान?

    • अगस्त 2022: नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने संविधान के अनुच्छेदों के अनुसार खान के खिलाफ तोशाखाना मामला पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) को भेजा।
    • 19 सितंबर, 2022: ईसीपी ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा।
    • 21 अक्टूबर, 2022: ईसीपी ने फैसला सुनाया कि खान ने तोहफों के बारे में 'झूठे बयान' दिए और उन्हें संविधान के तहत अयोग्य घोषित कर दिया।
    • 21 नवंबर, 2022: ईसीपी ने खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही के लिए इस्लामाबाद में एक सत्र अदालत का रुख किया।
    • 10 मई, 2023: ट्रायल कोर्ट ने खान को दोषी ठहराया।
    • 4 जुलाई, 2023: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने मामले की स्थिरता पर ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलट दिया और याचिकाकर्ता को फिर से सुनने और सात दिनों के भीतर मामले पर फैसला करने का निर्देश दिया।
    • 8 जुलाई, 2023: न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने खान के खिलाफ तोशाखाना मामले को चलने योग्य घोषित किया।
    • 2 अगस्त, 2023: ट्रायल कोर्ट ने खान द्वारा प्रस्तुत गवाहों की सूची को खारिज कर दिया।
    • 4 अगस्त, 2023: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने चुनाव आयोग द्वारा शिकायत दर्ज करने में क्षेत्राधिकार और किसी भी प्रक्रियात्मक चूक की फिर से जांच करने के निर्देश के साथ मामले को ट्रायल कोर्ट में वापस भेज दिया।
    • 5 अगस्त, 2023: न्यायाधीश दिलावर ने तोशाखाना मामले में खान को 'भ्रष्ट आचरण' का दोषी पाया और पीटीआई प्रमुख को तीन साल के लिए जेल भेज दिया। इस साल मार्च में सरकार ने तोशखाना तोहफों के रिकॉर्ड को सार्वजनिक किया था।

    कौन-कौन से थे बेशुमार गिफ्ट?

    • कुल 1,262 लक्जरी घड़ियां (पॉकेट और टेबल घड़ियां)
    • आभूषण
    • प्राचीन वस्तुएं
    • लक्जरी कार
    • बेशकीमती हथियार
    • इमरान खान
    • 96.6 मिलियन रुपये की सात कलाई घड़ियां (पांच रोलेक्स और एक ग्रेफ)