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बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को गधों और कुत्तों का सहारा, चीन को निर्यात करने की तैयारी

गधों में चीन की दिलचस्पी इसलिए है क्योंकि वे पारंपरिक चीनी दवाओं ईजाओ या जिलेटिन के निर्माण में जानवरों की खाल का उपयोग करते हैं। इसमें औषधीय गुण होते हैं और रक्त को पोषण देने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Arun kumar SinghPublished: Tue, 04 Oct 2022 04:53 PM (IST)Updated: Tue, 04 Oct 2022 04:53 PM (IST)
बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को गधों और कुत्तों का सहारा, चीन को निर्यात करने की तैयारी
चीन ने पाकिस्तान से गधों और कुत्तों के आयात में रुचि दिखाई है ।

 इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान इन दिनों बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। इससे उबरने के लिए तमाम तरह की कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में चीन ने पाकिस्तान से गधों और कुत्तों के आयात में रुचि दिखाई है । अधिकारियों ने एक संसदीय समिति को यह जानकारी दी है।

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चीन ने दिखाई पाक से गधों, कुत्तों को आयात करने में रुचि

पाकिस्तान के टीवी चैनल जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय और सीनेट की स्थायी समिति के अधिकारियों के बीच आयात और निर्यात पर एक ब्रीफिंग के दौरान इसके सदस्यों में से एक दिनेश कुमार ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान से गधों के साथ-साथ कुत्तों को भी आयात करने में रुचि व्यक्त की है। सीनेटर अब्दुल कादिर ने समिति को यह भी बताया कि चीनी राजदूत ने भी कई बार पाकिस्तान से मांस निर्यात करने की बात कही थी।

पाक ने अफगानिस्तान से जानवरों के आयात पर प्रतिबंध लगाया

समिति के सदस्यों में से एक ने यह भी सुझाव दिया कि चूंकि अफगानिस्तान में जानवर तुलनात्मक रूप से सस्ते हैं, इसलिए पाकिस्तान वहां से आयात कर सकता है और फिर मांस को चीन को निर्यात कर सकता है। हालांकि, पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति को सूचित किया गया था कि अफगानिस्तान से जानवरों के आयात पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है क्योंकि पड़ोसी देश में जानवरों में लंपी वायरस से पैदा हुए त्वचा रोग की खबरें आई हैं।

मांस के अलावा दवाओं के बनाने में गधों की खाल का उपयोग

गधों में चीन की गहरी दिलचस्पी इसलिए है क्योंकि वे पारंपरिक चीनी दवाओं 'ईजाओ' या जिलेटिन के निर्माण में जानवरों की खाल का उपयोग करते हैं। माना जाता है कि इसमें औषधीय गुण होते हैं और पारंपरिक रूप से रक्त को पोषण देने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। पाकिस्तान के पास गधों की दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी है। वर्तमान में 57 लाख जानवर हैं। पहले भी जानवरों को चीन को निर्यात कर चुका है।

पाकिस्तान के पंजाब में गधों के निर्यात के लिए बनाया गया फार्म हाऊस

पिछले साल पंजाब सरकार ने देश के विदेशी नकदी भंडार बढ़ाने में मदद करने के लिए गधों को निर्यात करने के इरादे से पंजाब प्रांत के ओकारा जिले में 3,000 एकड़ में एक गधा फार्म स्थापित किया। चीन और अन्य देशों में निर्यात बढ़ाने के लिए अमेरिकी सहित अच्छी नस्लों के गधों को पालने के लिए अपनी तरह के पहले सरकारी स्वामित्व वाले खेत का उपयोग किया जाता है। चीन पहले नाइजर और बुर्किना फासो से गधों का आयात करता था। बाद में दोनों पश्चिम अफ्रीकी देशों ने उनके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया।

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