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Pakistan: PM शहबाज शरीफ ने कहा- 'गर्मियों में आई बाढ़ से नहीं उबरा पाकिस्तान, कम हो गया दुनिया का ध्यान'

Pakistan News पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा है कि पिछली गर्मियों में आई भयानक बारिश और बाढ़ में सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों के बड़े हिस्से जलमग्न हैं। इसने नौ मिलियन लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेल दिया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Sat, 07 Jan 2023 03:00 PM (IST)Updated: Sat, 07 Jan 2023 03:00 PM (IST)
Pakistan: PM शहबाज शरीफ ने कहा- 'गर्मियों में आई बाढ़ से नहीं उबरा पाकिस्तान, कम हो गया दुनिया का ध्यान'
Pakistan Prime Minister Shehbaz Sharif reaction over rain and flood

इस्लामाबाद, एजेंसी। World Support for Pakistan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) ने कहा है कि पिछली गर्मियों में देश में आई भयानक बारिश और बाढ़ ने 1,700 लोगों की जान ले ली थी। स्विट्जरलैंड के आकार का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया और 3.3 करोड़ लोग इससे प्रभावित हुए। यह संख्या अधिकांश यूरोपीय देशों में रहने वाले लोगों से ज्यादा है।

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कम हो गया दुनिया का ध्यान

गार्जियन अखबार के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक लेख लिखा। इसके जरिये उन्होंने बताया, ''पूरी दुनिया का इस पर ध्यान कम हो गया है, लेकिन पानी कम नहीं हुआ है। सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों के बड़े हिस्से पानी में डूबे हुए हैं। पाकिस्तान में खाने-पीने की कमी से जूझ रहे लोगों की संख्या दोगुनी होकर 1.4 करोड़ हो गई है। वहीं, अन्य 90 लाख लोग इस बाढ़ की वजह से अत्यधिक गरीबी की तरफ चले गए हैं।''

स्थायी झील में बदल गए कई इलाके

ये बाढ़ वाले क्षेत्र अब बड़ी स्थायी झीलों की तरह दिखते हैं, जिसने हमेशा के लिए उन इलाकों और वहां रहने वाले लोगों के जीवन को बदल दिया है। कोई भी पंप एक वर्ष से कम समय में इस पानी को नहीं निकाल सकते हैं। इसके साथ ही जुलाई 2023 तक चिंता ये है कि इन क्षेत्रों में फिर से बाढ़ आ सकती है।

जलवायु परिवर्तन की चपेट में है पाकिस्तान

पाकिस्तान ना केवल बाढ़ से बल्कि बार-बार होने वाली चरम जलवायु परिवर्तन की वजह से भी मुश्किल का सामना कर रहा है। इससे पहले 2022 के वसंत में देश झुलसा देने वाली, सूखा-बढ़ाने वाली गर्मी की चपेट में था। इसकी वजह से पश्चिम में जंगल में आग लग गई थी। तथ्य ये है कि रिकॉर्ड तापमान वाले इलाकों में से कुछ जगहें बाद में जलमग्न हो गईं। ये मौसम के मिजाज में तेज उतार-चढ़ाव को रेखांकित करता है।

जीडीपी के 10वें हिस्से के बराबर हुआ नुकसान

विश्व बैंक और यूरोपीय संघ (ईयू) का अनुमान है कि बाढ़ से होने वाला नुकसान 30 अरब डॉलर से अधिक हो गया है, जोकि पाकिस्तान के पूरे सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का 10वां हिस्सा है।

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