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    पाक में सेना प्रमुख की नियुक्ति पर फंसा पेच, इमरान खान से सलाह के लिए राष्ट्रपति आरिफ अल्वी लाहौर पहुंचे

    शीर्ष सैन्य अधिकारियों की नियुक्तियों को लेकर पाक के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से सलाह करने के लिए लाहौर पहुंचे। सेना अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा राष्ट्रपति भवन को पाकिस्‍तान में राजनीतिक हलचल देखी जा रही है।

    By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Thu, 24 Nov 2022 06:11 PM (IST)
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    पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी

     इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान सरकार ने नए आर्मी चीफ का एलान किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को पाकिस्तान के नया आर्मी चीफ बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को जानकारी दी गई है। इस बीच इसे लेकर नया पेच फंस गया है। शीर्ष सैन्य अधिकारियों की नियुक्तियों को लेकर पाक के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से सलाह करने के लिए लाहौर पहुंचे। सेना अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा राष्ट्रपति भवन को दो शीर्ष जनरलों की नियुक्ति का सारांश भेजे जाने के घंटों बाद पाकिस्‍तान में राजनीतिक हलचल देखी जा रही है। ज्ञात हो क‍ि लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को इमरान खान का विरोधी और जनरल कमर जावेद बाजवा का करीबी माना जाता है। इमरान खान ने बतौर प्रधानमंत्री आइएसआइ प्रमुख के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर को सिर्फ नौ महीने बर्खास्‍त कर दिया था।

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    राष्ट्रपति भवन शाम सात बजे जारी करेगा बयान

    लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर की नए सेनाध्यक्ष के रूप में और लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ्स आफ स्टाफ कमेटी के अगले अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण नियुक्तियों पर इमरान खान के साथ बातचीत करने के बाद आरिफ अल्वी ने लाहौर के जमान पार्क पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इससे पहले दिन में लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर को अगला सेना प्रमुख और लेफ्टिनेंट जनरल मिर्जा को ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) का अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए राष्ट्रपति को एक सारांश भेजा था।

    इमरान खान के सहयोगी और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति भवन शाम सात बजे एक बयान जारी करेगा। चौधरी ने कहा क‍ि इमरान खान और राष्ट्रपति अल्वी के बीच बैठक 45 मिनट तक चली। राष्ट्रपति अल्वी इस्लामाबाद के लिए रवाना हो गए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने सेना प्रमुख की नियुक्ति पर संवैधानिक, राजनीतिक और कानूनी मुद्दों पर चर्चा की।

    इमरान खान से बातचीत के बाद फैसला लेंगे आरिफ अल्‍वी

    राष्ट्रपति हाउस बाद में एक लिखित बयान जारी करेगा, जिसमें इमरान खान के साथ राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की बैठक का विवरण साझा किया जाएगा। उन्होंने बिना कोई संकेत दिए कहा कि राष्ट्रपति प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए नामों का समर्थन करेंगे या नहीं। नियुक्तियों के लिए सारांश प्राप्त करने वाले राष्ट्रपति अल्वी ने अब तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। खबर थी कि राष्ट्रपति पीटीआई प्रमुख इमरान खान से बातचीत के बाद फैसला लेंगे।

    इमरान खान ने किया था दावा, आरिफ अल्‍वी सेना प्रमुख की  नियुक्ति को लेकर जरूर करेंगे सलाह

    इमरान खान ने पहले दावा किया था कि जैसे ही अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति का सारांश उनके कार्यालय में पहुंचेगा, राष्ट्रपति अल्वी निश्चित रूप से उनसे परामर्श करेंगे। इमरान खान ने कहा था क‍ि राष्ट्रपति अल्वी निश्चित रूप से सेना प्रमुख की नियुक्ति के सारांश पर मुझसे परामर्श करेंगे और कानून और संविधान के अनुसार फैसला लेंगे। मैं उस पार्टी का प्रमुख हूं, जिसका संबंध डा. अल्वी से है।

    सब कुछ कानून और नियमों के अनुसार होगा

    पीटीआई नेता शिबली फराज ने अल्वी द्वारा खान से परामर्श करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि हालांकि, राष्ट्रपति देश के प्रतिनिधि हैं, लेकिन अगर वह अपने पार्टी प्रमुख से परामर्श करते हैं तो कोई नुकसान नहीं है क्योंकि उन्हें पीटीआई द्वारा राष्ट्रपति के रूप में समर्थन दिया गया था। उन्होंने कहा क‍ि सेना प्रमुख की नियुक्ति में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आएगी और सब कुछ कानून और नियमों के अनुसार होगा।

    इमरान खान कर सकते हैं सेना प्रमुख की नियुक्ति में बाधा डालने की कोशिश

    पाक‍िस्‍तान के कुछ तबके में ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इमरान खान सेना प्रमुख की नियुक्ति में बाधा डालने की कोशिश कर सकते हैं। हालांकि, जानकारों का मानना ​​है कि राष्ट्रपति सेना प्रमुख की नियुक्ति में केवल देरी कर सकते हैं, लेकिन इसे खारिज नहीं कर सकते।

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    राष्ट्रपति सरकार के प्रस्‍ताव को मानने के लिए बाध्‍य

    प्रख्यात वकील ऐतिजाज अहसन ने कहा क‍ि राष्ट्रपति इसे केवल 25 दिनों की अधिकतम अवधि के लिए रोक सकते हैं। उन्हें 15 दिनों के भीतर प्रधानमंत्री का सारांश वापस भेजना चाहिए। यदि सरकार उसी सारांश को दोबारा भेजती है, तो वह 10 दिनों के भीतर इस पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य है। उन्होंने कहा कि सारांश को उस अवधि के बाद अनुमोदित माना जाएगा, भले ही राष्ट्रपति द्वारा इसका समर्थन नहीं किया गया हो।

    अहसान ने यह भी कहा कि नियुक्ति में देरी से पीटीआई और उसके नेतृत्व को कुछ हासिल नहीं होगा। वित्त मंत्री इशाक डार को उम्मीद थी कि राष्ट्रपति सेना प्रमुख की नियुक्‍ति का सारांश का समर्थन करेंगे, लेकिन चेतावनी दी कि अगर राष्ट्रपति ने सारांश में देरी की या इसे अस्वीकार कर दिया तो सरकार के पास एक अलग योजना भी है।

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