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Pakistan: आटे की समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान में एक और टेंशन, फवाद चौधरी की गिरफ्तारी से तेज हुआ राजनीतिक संकट

फवाद चौधरी की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक संकट तेज हो गया है। इस घटना की पत्रकारों ने भी निंदा की है। उन्होंने फवाद चौधरी की रिहाई का भी आह्वान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी चिंता व्यक्त की।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalPublished: Sat, 11 Feb 2023 08:08 AM (IST)Updated: Sat, 11 Feb 2023 08:25 AM (IST)
Pakistan: आटे की समस्या से जूझ रहे पाकिस्तान में एक और टेंशन, फवाद चौधरी की गिरफ्तारी से तेज हुआ राजनीतिक संकट
फवाद चौधरी की गिरफ्तारी से पाकिस्तान में राजनीतिक संकट तेज (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान में आर्थिक तौर पर हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं। दिवालिया होने की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान में अब राजनीतिक संकट भी तेज हो गया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता फवाद चौधरी की गिरफ्तारी के बाद देश को राजनीतिक अशांति का सामना करना पड़ रहा है। इनसाइडओवर के लिए लिखते हुए फेडेरिको गिउलिआनी ने कहा कि फवाद चौधरी की अचानक गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक संकट तेज हो गया है। इस घटना की पत्रकारों ने भी निंदा की है। उन्होंने फवाद चौधरी की रिहाई का भी आह्वान किया है।

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पत्रकारों-राजनीतिक विश्लेषकों ने किया गिरफ्तारी का विरोध

कई वरिष्ठ पत्रकारों, राजनीतिक विश्लेषकों और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने पूर्व सूचना मंत्री को हिरासत में लेने के बारे में सोशल मीडिया पर अपनी चिंता व्यक्त की और सरकार से राजनीतिक स्थिति को बढ़ाने से बचने का आग्रह किया। इनसाइडओवर की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान को कथित रूप से गिरफ्तार करने की योजना बनाने के लिए चौधरी द्वारा पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) सरकार की सार्वजनिक आलोचना के बाद गिरफ्तारी हुई है।

फवाद चौधरी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

बता दें कि फवाद चौधरी को इस्लामाबाद में दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया और बाद में एक संवैधानिक संस्था के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फेडेरिको गिउलिआनी ने कहा कि चौधरी इमरान खान के आंतरिक क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं और यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी गिरफ्तारी पीटीआई के अन्य शीर्ष नेताओं के लिए आने वाली घटना का पूर्व संकेत है।

क्या है FIR में

सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर संभवत: गिरती अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए पीडीएम गठबंधन पर दांव लगा रहे हैं। इमरान खान के लिए उनके राजनीतिक अस्तित्व के विकल्पों में अब फिर से सड़कों पर उतरने और चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त सार्वजनिक समर्थन जुटाना शामिल हैं। FIR के अनुसार, चौधरी ने चुनाव आयुक्त, चुनाव आयोग के सदस्यों और उनके परिवारों को धमकी दी है कि अगर उनकी नियुक्ति के बाद पीटीआई के खिलाफ कोई भी अनुचित कार्रवाई की गई तो जवाब दिया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया कि चौधरी ने राज्य चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया।

फवाद चौधरी की गिरफ्तारी का चैनलों ने किया सीधा प्रसारण

वहीं, फवाद चौधरी की गिरफ्तारी का कई पाकिस्तानी मीडिया चैनलों पर सीधा प्रसारण किया गया। इनसाइडओवर की रिपोर्ट के अनुसार, चौधरी के प्रचार ने पीटीआई को यह दावा करने का अवसर दिया है कि उन्हें पीडीएम सरकार और पंजाब में नवनियुक्त कार्यवाहक शासन द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान का चुनाव आयोग भी खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब में चुनाव की तैयारियों पर ध्यान देने के बजाय विवाद के बीच फंस गया है।

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