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    पाकिस्तान में पुलिसकर्मी की मौत, बंदरगाह शहर ग्वादर पर धारा 144 लागू

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Thu, 29 Dec 2022 06:38 PM (IST)

    ब्लूचिस्तान के गृह मंत्री जियाउल्लाह लैंगोव ने बुधवार को पाकिस्तानी समाचार चैनल जियो न्यूज को बताया कि इस मामले में हक दो तहरीक (एचडीटी) के अध्यक्ष मौलाना हिदायत-उर-रहमान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए हैं।

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    पाकिस्तान के ग्वादर शहर में ब्लूचिस्तान सरकार ने धारा 144 लगा दी है।

    ग्वादर, एएनआई। पाकिस्तान के ग्वादर शहर में ब्लूचिस्तान सरकार ने धारा 144 लगा दी है। यहां जारी 'हक दो तहरीक' के दौरान हुए विरोध-प्रदर्शनों में पुलिसकर्मी की मौत के बाद बंदरगाह शहर ग्वादर में यह धारा लगाई गई है।

    बता दें कि ब्लूचिस्तान के गृह मंत्री जियाउल्लाह लैंगोव ने बुधवार को पाकिस्तानी समाचार चैनल जियो न्यूज को बताया कि इस मामले में 'हक दो तहरीक (एचडीटी)' के अध्यक्ष मौलाना हिदायत-उर-रहमान के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए गए हैं। जियो न्यूज ने बलूचिस्तान पुलिस के हवाले से दावा किया कि एचडीटी प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई गोलीबारी में सुरक्षा के लिए तैनात सिपाही यासिर सईद की मौत हो गई।

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    धारा 144 के तहत

    धारा 144 के तहत शहर में अब रैली, धरने, पांच से अधिक लोगों का सार्वजनिक जमावड़ा और किसी भी हथियार का प्रदर्शन प्रतिबंधित है।

    जांच चौकियां हटाने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी

    इस आंदोलन के प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जांच चौकियों की संख्या घटाई जाए, ईरान से होने वाले व्यापार को आसान बनाया जाए और ग्वादर के समीप ट्रालिंग से गहरे समुद्र में मछली पकड़ने पर रोक लगाई जाए। बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता फराह अजीम ने आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारियों ने ग्वादर बंदरगाह बंद करने की कोशिश की। इसके परिणामस्वरूप पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया।

    पुलिस लाठीचार्ज से कई घायल

    इससे पहले, 28 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हाथापाई, गोलाबारी और लाठी चार्ज के कारण कई लोग घायल हो गए। इससे ग्वादर में स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। एचडीटी विरोध प्रदर्शनकारियों ने धमकी दी कि वे शहर में पाकिस्तान की सरकारी संपत्तियां उड़ा देंगे।

    गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार की नीतियों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों की गिरफ्तारी के बाद यह आंदोलन हिंसक हो गया था। इसके बाद ग्वादर में स्थानीय लोगों और सुरक्षा बलों के बीच कई झड़पें हुईं। आंदोलन पर काबू पाने के प्रयासों में पुलिस ने आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया और 34 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए। कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी के उप प्रमुख लियाकत बलूच ने कहा कि ग्वादर की स्थिति बलूचिस्तान ही नहीं बल्कि पूरे पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है।

    पाकिस्तान की केंद्र और राज्य सरकारों ने हालांकि इस आंदोलन के शीघ्र समाप्त होने की उम्मीद जताई है, लेकिन सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच मतभेद बरकरार हैं। आंदोलन के नेता मौलाना हिदायतुर रहमान ने सरकारी प्रतिनिधियों से मिलने तक से इनकार कर दिया और सरकार प्रतिनिधि प्रदर्शनकारियों के निचले स्तर के लोगों से ही बातचीत कर रहे हैं। सरकार ने रहमान पर राजनीतिक लाभ के लिए आंदोलन चलाने का आरोप लगाया है।

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