'डायन अपने ही लोगों को मार रही है', पीओके में पाक सेना की कार्रवाई पर फूटा लोगों का गुस्सा
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नागरिक विद्रोह के बीच अवामी एक्शन कमेटी के नेता शौकत नवाज मीर ने पाकिस्तानी सेना और सरकार की तुलना लोगों को मारने वाली डायन से की। उन्होंने आजाद कश्मीर को शोषण और दमन में जकड़ा बताया। पीओके में न्याय और अधिकारों की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं जहाँ पाकिस्तानी सेना पर नागरिकों को मारने का आरोप है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चल रहे नागरिक विद्रोह के बीच एक भाषण में अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) के वरिष्ठ नेता शौकत नवाज मीर ने पाकिस्तानी सेना और सरकार की तुलना लोगों को मारने पर तुली एक डायन से की और उन पर उसी आबादी को कुचलने का आरोप लगाया जिसका वे प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हैं।
उन्होंने घोषणा की कि तथाकथित 'आजाद कश्मीर' बिल्कुल भी आजाद नहीं है, बल्कि दशकों के शोषण और दमन की जंजीरों में जकड़ा हुआ है। मीर का इस्लामाबाद और रावलपिंडी पर तीखा हमला ऐसे समय में आया है जब पीओके में विरोध प्रदर्शन तेज हो रहे हैं, जहां नागरिक न्याय, बुनियादी अधिकारों और व्यवस्थागत उत्पीड़न के खात्मे की मांग कर रहे हैं।
पीओजेके में हड़ताल और विरोध प्रदर्शन जारी
उन्होंने हजारों प्रदर्शनकारियों से कहा, "हमारा संघर्ष किसी एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरी व्यवस्था के खिलाफ है। यह जनता का संघर्ष है, यह आपका संघर्ष है और यह हम सबका संघर्ष है। हम सब मिलकर इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाएंगे।" पीओजेके में नागरिक समाज की अनिश्चितकालीन हड़ताल और विरोध प्रदर्शन चल रहा है। पाकिस्तानी सेना ने कम से कम 12 नागरिकों को मार डाला और 200 से अधिक को घायल कर दिया। पाकिस्तानी रेंजर्स और इस्लामाबाद पुलिस की गोलीबारी में तीन पुलिसकर्मी भी मारे गए और नौ अन्य घायल हो गए।
'मुनीर के हाथ कश्मीरियों के खून से सने'
एएसी नेता ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान के शासक उन्हीं अत्याचारों के दोषी हैं जिनका आरोप वे दूसरों पर लगाते हैं। पहलगाम हमले से पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर की ओर से हिंदुओं को 'काफिर' बताने वाले विवादास्पद बयान का जिक्र करते हुए मीर ने कहा, "वे भारत के हिंदुओं पर अत्याचार का आरोप लगाते हैं जबकि उनके अपने हाथ कश्मीरियों के खून से सने हैं।"
उनके अनुसार, असहमति की आवाजों को बेरहमी से दबाया जा रहा है, स्थानीय मीडिया को चुप कराया जा रहा है और प्रदर्शनकारियों के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। मीर ने जोर देकर कहा, "हमारी मांग साफ है - न्याय और लोगों के अधिकार। जब तक हम इसे हासिल नहीं कर लेते, हम पीछे नहीं हटेंगे।"
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