गुलाम जम्मू-कश्मीर हिंसा: पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज, फायरिंग में दो की मौत व 22 घायल
गुलाम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लगातार दूसरे दिन प्रदर्शन हुए जिसमें पुलिस फायरिंग में दो लोगों की जान चली गई। जम्मू कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी के नेतृत्व में रैलियां हुईं और बाजार बंद रहे। प्रदर्शनकारियों ने बुनियादी अधिकारों की मांग की है और सरकार को चेतावनी दी है कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुलाम जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी आक्रामक विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान पुलिस फाय¨रग में दो लोगों की मौत हो गई और 22 से अधिक लोग घायल हो गए।
जम्मू कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी (जेकेएएसी) के नेतृत्व में मीरपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद समेत कई जगहों पर प्रदर्शन और रैलियां हुईं। विरोध प्रदर्शनों के दौरान बाजार और दुकानें पूरी तरह से बंद कर दी गईं। जेकेएएसी ने पाकिस्तान सरकार को चेतावनी दी है कि वह जल्द ही एक बड़ी रैली का आयोजन करेगी। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं सरकार ने आंदोलन को कुचलने के लिए अपनी पूरी मशीनरी लगा दी है। लगातार दूसरे दिन इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवाएं निलंबित रहीं। मुजफ्फराबाद में हालात काफी तेजी से बदले जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी। इसमें दो लोगों की मौत के बाद भीड़ हिंसा पर उतारू हो उठी। आंदोलन पर काबू पाने के लिए सेना भी तैनात कर दी गई है।
अनुमान के मुताबिक हालात पर काबू पाने के लिए लगभग 2000 सैन्य कर्मी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कई इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया। आंदोलन से जुड़े तमाम बड़े नेताओं को बंदी बना लिया गया है। बताया जा रहा है कि पीओके में हालात बहुत ज्यादा खराब हैं, लेकिन सूचना प्रतिबंधों की वजह से असल खबर बाहर नहीं आ पा रही है।
जेकेएएसी के शीर्ष नेता शौकत नवाज मीर ने कहा कि हमारा प्रदर्शन किसी संस्था के खिलाफ नहीं है बल्कि अपने बुनियादी अधिकारों की मांग को लेकर है। बीते 70 वर्षों में हमें बुनियादी अधिकार नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब बहुत हुआ, या तो हमें अधिकार दें या फिर जनता का गुस्सा झेलने के लिए तैयार रहें।
गुलाम जम्मू-कश्मीर के आंदोलन को पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी का भी समर्थन मिल रहा है। पीटीआइ ने एक्स पर एक वीडियो जारी किया जिसमें मुस्लिम कांफ्रेंस के कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग करते देखा गया। इसमें चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पार्टी ने इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।
क्यों भड़के हैं गुलाम जम्मू-कश्मीर के लोग
जेकेएएसी ने ने 38 बिंदु वाला एक चार्टर जारी किया है, जिसमें पीओके के प्रशासन में ढांचागत सुधार की मांग की गई है। नागरिकों का आरोप है कि उन्हें विकास के अवसरों से अन्यायपूर्ण तरीके से वंचित किया गया है। उनके बुनियादी अधिकारों का सरकार दमन कर रही है। लोगों को लग रहा है कि उनके साथ भी बलूचिस्तान जैसा बर्ताव किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मंगला बांध और नीलम-झेलम जैसी जलविद्युत परियोजनाओं से लंबे समय से भारी मात्रा में बिजली पैदा की जा रही है।
इसका लाभ क्षेत्र को नहीं मिल रहा है। पीओके भारी बिजली कटौती से जूझ रहा है। उनकी मांग है कि इन परियोजनाओं के लिए सत्ताधारी अभिजात्य वर्ग को दिए जा रहे भत्ते और रायल्टी बंद किए जाएं। उनका कहना है कि सरकार यहां के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रही है, लेकिन उनका लाभ लोगों को नहीं देना चाह रही। व्यवस्था में भ्रष्टाचार ने गहरी जड़ें जमा ली हैं, जिससे स्थानीय संसाधनों का लाभ सरकार और पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों को मिल रहा है।
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