Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाकिस्तानी इतिहास में मुनीर को मिलेगी 'असीम' पावर, संविधान में हो रहा बदलाव

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    पाकिस्तान की संसद में 27वां संविधान संशोधन बिल पेश किया गया है, जिसके तहत चीफ आफ डिफेंस फोर्सेज (सीडीएफ) का नया पद बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि इस बिल के पास होने के बाद फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की हैसियत राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी ऊपर हो जाएगी। संशोधन में सेना प्रमुख और सीडीएफ की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा करने का प्रस्ताव है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नामों की सिफारिश करेंगे।

    Hero Image

    पाकिस्तान में बढ़ी आसिम मुनीर की ताकत। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में संविधान में अहम बदलाव के लिए शनिवार को संसद में 27वां संविधान संशोधन बिल पेश किया गया। इसके तहत मुख्य रूप से चीफ आफ डिफेंस फोर्सेज (सीडीएफ) के नए पद का सृजन किया जाएगा। सेना के तीनों अंगों की एकीकृत कमान बनाने और तीनों के बीच बेहतर समन्वय के लिए ये पद बनाया जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऊपरी सदन सीनेट ने बिल को पास कर दिया है। अब इसे अंतिम रूप देने के लिए निचले सदन 'नेशनल असेंबली' में पेश किया जाएगा। कहा जा रहा है कि यहां से बिल पास होने के बाद फील्ड मार्शन आसिम मुनीर की हैसियत राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी ऊपर हो जाएगी। वह आजीवन फील्ड मार्शल बने रहेंगे और उन्हें कोई चुनौती नहीं दे सकेगा।

    संशोधन बिल में क्या है प्रस्ताव?

    संविधान संशोधन के तहत मुख्य रूप से अनुच्छेद 243 में बदलाव किया जाना है, जिसके जरिये व्यापक रक्षा सुधार कार्यक्रम आगे बढ़ाए जाने हैं। संशोधन बिल में प्रस्ताव किया गया है कि सेना प्रमुख और सीडीएफ की नियुक्ति राष्ट्रपति करेंगे, जिसके लिए नामों की सिफारिश प्रधानमंत्री करेंगे। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सेना प्रमुख) को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (सीडीएफ) भी कहा जाएगा। वह प्रधानमंत्री के साथ मिलकर नेशनल स्ट्रेटेजिक कमांड का प्रमुख नियुक्त करेंगे। ये अधिकारी पाकिस्तान सेना से होगा।

    प्रस्ताव है कि सेना के भीतर से अधिकारियों को सरकार फील्ड मार्शल, मार्शल ऑफ द एयर फोर्स और एडमिरल आफ द फ्लीट की नियुक्ति करेगी। फील्ड मार्शल की रैंक और उनको मिलने वाली सुविधाएं आजीवन जारी रहेंगी। यानी फील्ड मार्शल आजीवन इसी पद पर बना रहेगा। बिल में कहा गया कि चेयरमैन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का पद 27 नवंबर 2025 को खत्म हो जाएगा।

    27वें संविधान संशोधन विधेयक में संघीय संवैधानिक न्यायालय की स्थापना, उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया में परिवर्तन, तथा प्रांतीय मंत्रिमंडलों की सीमा में परिवर्तन का भी प्रस्ताव है।

    बिल को पेश करने के कुछ ही देर में मिल गई मंजूरी

    कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने सीनेट में बिल पेश किया, जिसे कुछ ही देर में मंजूरी मिल गई। तरार ने कहा कि विधेयक में 49 खंड हैं। सीनेट अध्यक्ष यूसुफ रजा गिलानी ने बिल को कानून एवं न्याय के लिए स्थायी समिति के पास अतिरिक्त अध्ययन के लिए भेज दिया। वहीं इमरान खान के नेतृत्व वाले विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआइ) इस बिल को दी गई मंजूरी का विरोध किया। पीटीआइ ने कहा कि इस पर जरा भी चर्चा नहीं की गई और सांसदों को इसे पढ़ने का भी मौका नहीं दिया गया।

    यह भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर के बाद खौफ में पाकिस्तान, भारत के सीडीएस की तर्ज पर सीडीएफ पद बनाने की तैयारी; मुनीर बनेंगे चीफ