ऑपरेशन सिंदूर में ISI की नाकामी से पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर नाराज, जल्द बड़े फेरबदल की तैयारी
ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों मिली हार के बाद पाकिस्तानी सेना अपनी नाकामी छिपाने के लिए आइएसआइ पर आरोप लगा रही है। सेना का कहना है कि आइएसआइ भारत के सैन्य अभियान की जानकारी देने में विफल रही। अफगान तालिबान और टीटीपी के हमलों पर भी खुफिया जानकारी देने में आइएसआइ विफल रही, जिससे सेना को नुकसान हुआ। सेना प्रमुख ने इस पर नाराजगी जताई है।

आसिम मुनीर, पाकिस्तान आर्मी चीफ । (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों मुंह की खाने वाली पाकिस्तानी सेना अब अपनी नाकामी छिपाने के लिए दोषारोपण पर उतर आई है। उसने भारत के सैन्य अभियान के बारे में गोपनीय जानकारी देने में विफलता के लिए देश की कुख्यात खुफिया एजेंसी आइएसआइ को जिम्मेदार ठहराया है।
बता दें कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने सात मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इसके बाद दोनों देशों में संघर्ष छिड़ गया था और पाकिस्तान की मांग पर दस मई को संघर्ष विराम हुआ था।
आइएसआइ से नाराज पाकिस्तानी सेना
पाकिस्तान की सेना कई मोर्चों पर अपनी नाकामी को लेकर आइएसआइ से नाराज है, क्योंकि वह अफगान तालिबान व तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) की तरफ से किए गए हालिया हमलों और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में खुफिया जानकारी देने में असफल रही थी। इसके चलते सेना को कई हमलों का सामना करना पड़ा, जिससे उसे शर्मसार होना पड़ रहा है।
सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अफगान तालिबान द्वारा हाल ही में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर किए गए हमलों को लेकर खुफिया एजेंसियों से नाराज बताए जा रहे हैं। मुनीर ने हाल ही में रावलपिंडी में सेना मुख्यालय में उच्च स्तरीय बैठक में अपनी नाराजगी व्यक्त की और अधिकारियों को यह चेतावनी दी है कि कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
तालिबान ने पाकिस्तान की चौकियों को किया तबाह
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान ने सप्ताहांत के दौरान पाकिस्तानी सैन्य चौकियों पर हमला किया था और कई पर कब्जा करने का दावा किया था। उसने 58 पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया था। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि कई हमलों से पाकिस्तानी सेना शर्मसार हो रही है। वह आइएसआइ में बड़े पैमाने पर फेरबदल करने की तैयारी में है। आइएसआइ की एक और विफलता है कि वह कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के विरोध प्रदर्शन के बारे में भी जानकारी देने में विफल रही थी।
पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग ने जताई चिंता
टीएलपी और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। टीएलपी को पाकिस्तानी सेना का छद्म संगठन माना जाता है। जबकि आतंकी संगठन टीटीपी पाकिस्तान में लगातार हमलों को अंजाम दे रहा है। वह आमतौर पर सैन्य बलों को निशाना बनाता है। इस बीच, पाकिस्तानी मानवाधिकार आयोग ने सुरक्षा बलों और टीएलपी के बीच हिंसक झड़प पर चिंता जताई है।
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)
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