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चीन-अमेरिका के बीच कैसे रिश्‍ते चाहता है पाकिस्‍तान और क्‍या है उसकी मंशा, विदेश मंत्री बिलावल के हवाले से जानेंं

पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री ने कहा है कि उनका देश चीन और अमेरिका के बीच संबंधों को सुधारने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्‍होंने ये भी कहा है कि पाकिस्‍तान दोनों का करीबी है और मित्र भी है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 29 Sep 2022 03:05 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 03:13 PM (IST)
चीन-अमेरिका के बीच कैसे रिश्‍ते चाहता है पाकिस्‍तान और क्‍या है उसकी मंशा, विदेश मंत्री बिलावल के हवाले से जानेंं
चीन और अमेरिका के बीच पुल बनना चाहता है पाकिस्‍तान

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। अमेरिका से पाकिस्‍तान के बाढ़ पीडि़तों के लिए मदद मांगने के बाद विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा है कि पाकिस्‍तान चीन और अमेरिका के बीच खराब हुए रिश्‍तों को सुधारने में एक अहम भूमिका निभा सकता है। उन्‍होंने ये भी कहा कि पाकिस्‍तान इसमें एक मजबूत पुल का काम कर सकता है। बिलावल ने ये बात एक अमेरिकी मैग्‍जीन को दिए इंटरव्‍यू के दौरान कही हैं। इसको लेकर बिलावल की पार्टी पीपीपी ने अपने आधिकारिक अकाउंट से एक इंस्‍टाग्राम और ट्विटर पर पोस्‍ट भी किया है, जिसमें इस इंटरव्‍यू की क्लिपिंग को शेयर किया गया है। फारेन पालिसी आन इस्‍लामाबाद के मुद्दे पर हुए इस इंटरव्‍यू के दौरान उन्‍होंने कई सवालों का जवाब दिया।

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अमेरिका और चीन को फैसला लेने का हक

बिलावल से बाढ़ पीडि़तों के लिए चीन की तरफ से मदद को हाथ न बढ़ाने और श्रीलंका की मजूबरी पर उन्‍होंने कहा कि ये पूरी तरह से उन पर निर्भर है कि वो क्‍या फैसला लेते हैं। ये ठीक वैसे ही है जैसे अमेरिका का इसके लिए मदद करना या न करना है। पाकिस्‍तान हो या श्रीलंका सबकुछ उनके फैसले पर निर्भर है। उन्‍होंने ये भी कहा कि श्रीलंका खुद आर्थिक रूप से मजबूर है, इसलिए वहां से मदद की बात करनी बेकार ही है।

तनाव बढ़ ताए ऐसा नहीं देंगे कोई बयान 

बिलावल ने ये भी कहा कि ऐसे समय में जब पाकिस्‍तान भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है, उस वक्‍त वो कुछ ऐसा नहीं कहना चाहते हैं जिससे किसी भी तरह का तनाव बढ़े और पाकिस्‍तान को किसी फुटबाल ग्राउंड के तौर पर इस्‍तेमाल किया जाए। मौजूदा समय में वैसे ही विश्‍व के हालात सही नहीं है। कई मुद्दों पर विश्‍व पूरी तरह से बंटा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि ऐसे समय में पाकिस्‍तान विश्‍व की दो बड़ी शक्तियों को क्‍लाइमेट चेंज जैसे बड़े मुद्दों पर एक साथ लाने में अहम भूमिका निभा सकता है। इसमें कोई शक भी नहीं है कि पाकिस्‍तान इस स्थिति में है कि वो ऐसा कर सके।

अमेरिका की मदद और चीन की दूरी 

आपको बता दें कि बिलावल का ये बयान ऐसे समय में आया है ज‍ब नवंबर में पाकिस्‍तान के पीएम शहबाज को चीन की यात्रा पर जाना है और चीन ने बाढ़ पीडि़तों की मदद के नाम पर पाकिस्‍तान को कोई मदद नहीं की है। वहीं अमेरिका ने इस मौके का फायदा उठाने की भी पूरी कोशिश की है। गौरतलब है कि सोमवार को ही बिलावल जरदारी ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक बैठक की थी। ये बैठक मुख्‍य रूप से बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए थी। इसमें ब्लिंकन ने पाकिस्‍तान को सला दी थी कि वो चीन से कर्ज की माफी की अपील करे। अमेरिका ने ये भी कहा था कि वो पाकिस्‍तान के साथ खड़ा है।

चीन के विदेश मंत्रालय का बयान 

इस पर चीन की तरफ से विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता वांग वेनबिन ने कहा था कि अमेरिका को चीन और पाकिस्‍तान के बीच बेवजह का विवादपैदा नहीं करना चाहिए, बल्कि सही मायनों में पाकिस्‍तान के बाढ़ प्रभावितों की मदद करनी चाहिए। पाकिस्‍तान के लिए भी यही सही भी होगा। इस इंटरव्‍यू के दौरान बिलावल ने अमेरिका और चीन से मतभेदों को भुलाकर वैश्विक मुद्दों पर साथ आने की अपील की है।

क्‍लाइमेंट चेंज के मुद्दे पर चीन यूएस को आना चाहिए साथ 

इसमें बिलावल ने ये भी कहा कि देश में आई बाढ़ से उपजे हालातों को काबू में लाना उनके अकेले के बस की बात नहीं है। ये तब तक नहीं हो सकता है जब तक कि चीन और अमेरिका एक साथ न आ जाएं। क्‍लाइमेट चेंज की समस्‍या से भी मिलकर लड़ा जा सकता है। पीपीपी नेता और केंद्रीय मंत्री बिलावल ने वर्चुअली इस इंटरव्‍यू में शामिल होते हुए कहा कि चीन और पाकिस्‍तान के संबंधों की जड़ें काफी गहरी हैं। पाकिस्‍तान ने चीन का दोस्‍त तब बनना चाहा था जब चीन के साथ कोई नहीं जाना चाहता था। आज हर कोई चीन से जुड़ना चाहता है।

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