पाकिस्तान को फिर मिली 'भीख', IMF ने 10 हजार करोड़ रुपये के लोन पर लगाई मुहर
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और पाकिस्तान के बीच 1.2 अरब डॉलर के ऋण को लेकर समझौता हुआ है, जिसे IMF बोर्ड की मंजूरी मिलना बाकी है। IMF अपनी विस्तारित निधि सुविधा के तहत पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर देगा। IMF अधिकारी ने पाकिस्तान की नीतिगत प्राथमिकताओं में प्रगति का उल्लेख किया और आर्थिक नीतियों को बनाए रखने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और पाकिस्तान के बीच 1.2 अरब डॉलर को लेकर समझौता हो गया है। बुधवार को यह समझौता स्टाफ-लेवल’ पर हुआ है। IMF के अधिकारी और पाकिस्तान सरकार आपस में इस कर्ज को लेकर सहमत हो गए हैं। हालांकि, अभी IMF की बोर्ड मीटिंग में इसको आखिरी मंजूरी मिलनी बाकी है। मंजूरी मिलने के बाद IMF की ओर से पाकिस्तान को पैसा मिल जाएगा।
दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) अपने विस्तारित निधि सुविधा (EFF) के तहत पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर और अपने लचीलापन और स्थिरता सुविधा (RSL) के तहत 20 करोड़ डॉलर फंड के बोर्ड से अनुमोदन के बाद प्रदान करेगा।
बोर्ड ने दी मंजूरी
बुधवार तड़के जारी एक बयान में, पेट्रोवा ने कहा कि कर्मचारी-स्तरीय समझौता आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी के अधीन है। "ईएफएफ के समर्थन से, पाकिस्तान का आर्थिक कार्यक्रम व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत कर रहा है और बाजार में विश्वास का पुनर्निर्माण कर रहा है।"
वित्तीय स्थिरता में सुधार
पेट्रोवा ने कहा कि पुनर्प्राप्ति पटरी पर है, वित्त वर्ष 2025 के चालू खाते में अधिशेष दर्ज किया गया है - 14 वर्षों में पहली बार, राजकोषीय प्राथमिक संतुलन कार्यक्रम के लक्ष्य को पार कर गया है, मुद्रास्फीति नियंत्रित बनी हुई है, बाहरी बफर्स मज़बूत हो रहे हैं और सॉवरेन स्प्रेड में उल्लेखनीय कमी आने से वित्तीय स्थिति में सुधार हो रहा है।"
हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में आई बाढ़ ने देश के, विशेष रूप से कृषि क्षेत्र के, भविष्य के परिदृश्य को प्रभावित किया है, जिससे वित्त वर्ष 2026 का अनुमानित सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लगभग 3.25-3.5 प्रतिशत तक गिर गया है।
आर्थिक नीतियो की प्रतिबद्धता
आईएमएफ अधिकारी ने पाकिस्तान की नीतिगत प्राथमिकताओं में प्रगति का भी उल्लेख करते हुए कहा कि अधिकारियों ने ईएफएफ और आरएसएफ-समर्थित कार्यक्रमों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और चल रहे संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाते हुए सुदृढ़ एवं विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से आर्थिक संकट से गुजर रही है। पाक पर विदेशी कर्ज का भारी बोझ है। ऐसे में इस समय पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा पाकिस्तान को मिली यह भीख राहत का काम कर सकती है।
(समाचार एजेंसी PTI के इनपुट के साथ)
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