Operation Gibraltar: जब पाक ने सादे वेश में अपने आठ हजार सैनिक भेजे थे कश्मीर, भारत के खिलाफ रची थी साजिश
Operation Gibraltar पाकिस्तान ने सीक्रेट तरीके से एक ऑपरेशन चलाया था जिसका नाम है ऑपरेशन जिब्राल्टर। पाकिस्तान का ऑपरेशन जिब्राल्टर कश्मीर को हथियाने का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जाता है। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक 4 बड़े युद्ध लड़े जा चुके हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Pakistan Operation Gibraltar: भारत और पाकिस्तान का जब से बंटवारा हुआ है तभी से इन दो देशों के संबध में कभी भी सुधार नहीं हुए।इन दो देशों में लोगों के साथ-साथ सीमा का भी बंटवारा हुआ। इसके बावजूद कश्मीर को लेकर आज तक भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन बने हुए है।
पाकिस्तान पूरे जद्दोजहद के साथ कश्मीर को पाने में लगा हुआ है, जिसका नतीजा ये है कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक 4 बड़े युद्ध लड़े जा चुके हैं और इन सभी युद्धों में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा।
भारत-पाकिस्तान के बीच हुए अब तक 4 युद्ध
भारत और पाकिस्तान के बीच पहला युद्ध 1947-1948 में कश्मीर में कब्जे को लेकर हुआ था, इसके बाद 1965 की लड़ाई, फिर 1971 का बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और सबसे बाद में 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था। इसी कड़ी में पाकिस्तान ने सीक्रेट तरीके से एक ऑपरेशन चलाया था, जिसका नाम है 'ऑपरेशन जिब्राल्टर'। पाकिस्तान का 'ऑपरेशन जिब्राल्टर' कश्मीर को हथियाने का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जाता है।
क्या था पाकिस्तान का 'ऑपरेशन जिब्राल्टर' और कैसे भारतीय सेना के कारण पाकिस्तान का ये सीक्रेट ऑपरेशन विफल रह गया।
- कश्मीर में हजरत दरगाह में पैगंबर मुहम्मद का बाल रखा हुआ है, ये बाल अचानक गायब हो गया था।
- पैगंबर मुहम्मद के बाल गायब हो जाने से कश्मीरियों में आक्रोश था।
- इसी आक्रोश और गुस्से का फायदा भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने उठाया।
- पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ भड़काने के लिए अपने 8 हजार सैनिकों को सादे वेश में कश्मीर भेजा।
- लगभग 8 हजार सैनिक कश्मीर में आम नागरिक बनकर कश्मीरियों के साथ रहने लगे।
- पाकिस्तानी सैनिकों ने कश्मीर में रह कर भारत के खिलाफ लोगों को भड़काना शुरू कर दिया।
- 'ऑपरेशन जिब्राल्टर' को पाकिस्तान सेना का मेजर जनरल अख्तर हुसैन रिजवी कमांड कर रहा था।
- इस सीक्रेट ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान अशांति फैलाकर कश्मीर को कब्जा करना चाहता था।
पाकिस्तान ने जिब्राल्टर नाम ही क्यों चुना?
जिब्राल्टर कोई ऐसा-वैसा शब्द नहीं, बल्कि एक छोटा-सा टापू है। ये टापू स्पेन में स्थित है। सवाल है कि पाकिस्तान ने अपने सीक्रेट ऑपरेशन के लिए इसी नाम को क्यों चुना? बता दें कि यूरोप को जीतने के लिए अरब की सेना पश्चिम की ओर से चली थी और जिब्राल्टर ही उनका पड़ाव था। वह इस टापू से निकलकर पूरे स्पेन पर आसानी से जीत हासिल कर चुके थे। पाकिस्तान को ऐसा लगता था कि अगर एक बार जिब्राल्टर यानी की कश्मीर पर जीत दर्ज हो जाए तो पूरे स्पेन रूपी भारत को हथियाना और भी आसान हो जाएगा।
कश्मीर मुद्दे को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए की थी ऐसी प्लानिंग
- 1950 के दशक में शुरू की थी ऑपरेशन जिब्राल्टर की प्लानिंग।
- इस ऑपरेशन को पाकिस्तान के विदेश मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो का पूरा समर्थन मिला हुआ था।
- भारत में घुसपैठ से हमला करने के लिए पाकिस्तान के लगभग 40 हजार सैनिकों को ट्रेनिंग दी गई थी।
- सेवानिवृत्त पाकिस्तानी जनरल अख्तर हुसैन मलिक ने इस ऑपरेशन के बारे में खुद बताया था।
- मलिक के मुताबिक, इस ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान 'कश्मीर समस्या को हमेशा के लिए खत्म करना चाहते थे'।
- मलिक ने ये भी कहा कि वे भारत से कोई युद्ध नहीं चाहते थे।
- पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन जिब्राल्टर' से पहले 'ऑपरेशन नुसरत' चलाया था।
- 'ऑपरेशन नुसरत' के जरिए पाकिस्तान ने जमीनी कार्य, खुफिया जानकारी और घुसपैठ के लिए सीमा की पहचान की थी।
- कश्मीर के चार ऊंचाई वाले इलाकों पीरपंजाल, गुलमर्ग, उरी और बारामूला पर कब्जा करने का था लक्ष्य।
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नाकाम साबित हुआ पाकिस्तान का 'ऑपरेशन जिब्राल्टर'
ऑपरेशन जिब्राल्टर बुरी तरह विफल साबित हुआ, क्योंकि आम कश्मीरियों ने भारतीय सेना का साथ देते हुए सीमा पार से आए पंजाबी बोलने वाली सैनिकों का खुलासा कर दिया था। इसके बाद से स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो ने पाकिस्तान के घुसपैठियों की तलाश करना शुरू कर दिया और उन्हें पकड़ कर मारने लगे।
भारत के जांबाज सैनिकों ने बड़ी संख्या में पाकिस्तान से आए हजारों घुसपैठियों को पकड़ लिया था। जब इसकी खबर पाकिस्तान को लगी तो उसने भारत की सीमा पर तोपों से गोलीबारी करना शुरू कर दिया। 'ऑपरेशन जिब्राल्टर' की विफलता और पाकिस्तान को मिली बुरी हार के कारण ही 1965 के भारत-पाक युद्ध की नींव पड़ी।
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