Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Mahashivratri: विष की उष्णता को शांत करने जहां शिव ने की तपस्‍या, वहां मध्यरात्रि से अब तक 3 लाख भक्‍त पहुंचे

    Mahashivratri 2023 मुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने विष का पान किया था जिसके बाद उनका गला नीला पड़ गया था। धार्मिक मान्‍यताओं के अनुसार जिस स्थान पर शिव ने विष पान किया वहीं नीलकंठ महादेव का मंदिर स्थापित है।

    By Harish chandra tiwariEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 18 Feb 2023 11:16 AM (IST)
    Hero Image
    Mahashivratri 2023: पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर में शिवरात्रि पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।

    जागरण संवाददाता, ऋषिकेश: Mahashivratri 2023: समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव ने विष का पान किया था, जिसके बाद उनका गला नीला पड़ गया था। इसीलिए शिव को नीलकंठ भी कहा जाता है।

    जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर प्रखंड के अंतर्गत मणिकूट पर्वत की तलहटी पर स्थित पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर में शिवरात्रि पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।

    मध्यरात्रि बारह बजे भगवान भोले के विशेष श्रृंगार के बाद शिवरात्रि दर्शन के लिए मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। पूरे समय मंदिर में जलाभिषेक के लिए अटूट भीड़ लगी रही। शनिवार सुबह दस बजे तक करीब तीन लाख श्रद्धालु यहां जलाभिषेक कर चुके थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शास्त्रों के मुताबिक समुंद्र मंथन के दौरान निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में समा लिया था। इस विष की उष्णता को शांत करने के लिए भगवान शिव ने मणिकूट पर्वत की तलहटी पर हजारों वर्षों तक समाधि लगाकर तप किया। तभी से वह नीलकंठ कहलाए। श्रावण मास और शिवरात्रि पर यहां मेला लगता है। बड़ी संख्या में हरियाणा दिल्ली उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से श्रद्धालु यहां जलाभिषेक के लिए आते हैं।

    शुक्रवार रात से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचने लगे। शिवरात्रि का मुहूर्त शुरू होते ही जलाभिषेक के लिए भीड़ बढ़ती चली गई। मेला कंट्रोल रूम के मुताबिक अलसुबह एक लाख 54 हजार श्रद्धालु जलाभिषेक कर चुके थे। सुबह चार बजे यह संख्या एक लाख 80 हजार पहुंच गई। इसके बाद भी भक्‍तों की भीड़ उमड़नी जारी रही। सुबह दस बजे तक यहां तीन लाख से ज्‍यादा भक्‍त जलाभिषेक कर चुके थे।

    वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल श्वेता चौबे नीलकंठ महादेव मंदिर परिसर में ही कैंप किए हुए हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर में जल लहरी के माध्यम से जलाभिषेक कराया जा रहा है। पुलिस फोर्स की मदद के लिए पीएसी और एसडीआरएफ को भी मंदिर परिसर और क्षेत्र में तैनात किया गया है।

    करीब डेढ़ सौ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी व्यवस्था को संभाले हैं। सीसीटीवी कैमरों के अतिरिक्त सादे कपड़ों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी हालात पर नजर रखे हैं। तीर्थ नगरी के पौराणिक शिवालय वीरभद्र महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर और चंद्रेश्वर महादेव मंदिर में नगर तथा ग्रामीण क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचे हैं।

    यह भी पढ़ें: Mahashivratri 2023: हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने लगाई पावन डुबकी, भगवान शिव की ससुराल में उमड़ी भीड़