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TTP Pakistani Army Talks: पाकिस्तानी सेना करेगी आतंकी संगठन टीटीपी से शांति वार्ता

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक पख्तून बेल्ट में राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच पाकिस्तानी सेना टीटीपी पर भरोसा कर रही है। सेना को विश्वास है कि टीटीपी नेशनल डेमोक्रेटिक मूवमेंट और पख्तून तहाफुज मूवमेंट द्वारा चलाए जा रहे धर्म निरपेक्ष व राष्ट्रवादी संघर्ष को बलपूर्वक दबा देगी।

By Praveen Prasad SinghEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 04:54 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 04:54 PM (IST)
TTP Pakistani Army Talks: पाकिस्तानी सेना करेगी आतंकी संगठन टीटीपी से शांति वार्ता
संसदीय समिति ने सेना को किया अधिकृत, संवैधानिक दायरे में होगी बातचीत।

इस्लामाबाद, पीटीआई: पाकिस्तान की एक संसदीय समिति ने सेना को आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) से शांति वार्ता के लिए अधिकृत किया है। गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने शनिवार को कहा था कि सैन्य अधिकारी वार्ता की प्रगति के बारे में समिति को सूचित करेंगे, जिसके बाद संसद में चर्चा होगी।

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समाचार पत्र डान के अनुसार, गृह मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान के संविधान के तहत ही बातचीत होगी। सेना ने राजनीतिक नेतृत्व को 22 जून को टीटीपी को संविधान से इतर कोई भी रियायत नहीं देने का आश्वासन दिया था। आतंकी समूह के साथ होने वाले समझौते को संसद की मंजूरी लेनी होगी। प्रधानमंत्री आवास पर हुई नेताओं की बैठक में सेना के अधिकारी ने यह आश्वासन दिया था।

पख्तून बेल्ट में अस्थिरता के बीच सेना को टीटीपी पर भरोसा

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, पख्तून बेल्ट में राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच पाकिस्तानी सेना टीटीपी पर भरोसा कर रही है। सेना को विश्वास है कि टीटीपी, नेशनल डेमोक्रेटिक मूवमेंट और पख्तून तहाफुज मूवमेंट द्वारा चलाए जा रहे धर्म निरपेक्ष व राष्ट्रवादी संघर्ष को बलपूर्वक दबा देगी। वाशिंगटन स्थित गिलगिट बाल्टिस्तान इंस्टीट्यूट के प्रेसिडेंट सेंगे सेरिंग ने कहा कि पाकिस्तानी सेना टीपीपी का उपयोग कर पख्तून आंदोलन को दबाना चाहती है।

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बता दें कि जून में ही अफगान तालिबान के प्रवक्‍ता ने पाकिस्‍तान सरकार और टीटीपी के बीच संघर्ष विराम की पुष्‍ट‍ि की थी। अफगान तालिबान के प्रवक्ता जैबिउल्लाह मुजाहिद ने 19 जून को पाकिस्तानी पत्रकारों के समूह द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था, 'मेरा मानना है कि दोनों पक्षों ने इस बात का ध्यान रखा कि शांति की ओर आगे बढ़ना दोनों के हित में है।'

अफगानिस्तान से सीमा पार से होने वाले हमलों को स्थायी रूप से रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार और टीटीपी लंबे समय से शांति वार्ता कर रहे हैं। अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र की 57 सदस्यीय जिरगा (परिषद) ने दोनों पक्षों के बीच संघर्ष विराम समझौते में मदद की थी।


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