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    TTP Pakistani Govt Ceasefire: पाकिस्तान सरकार व टीटीपी के बीच संघर्ष विराम की अफगान तालिबान ने की पुष्टि

    By Praveen Prasad SinghEdited By:
    Updated: Sun, 19 Jun 2022 05:19 PM (IST)

    अफगानिस्तान से सीमा पार से होने वाले हमलों को स्थायी रूप से रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार और टीटीपी लंबे समय से शांति वार्ता कर रहे हैं। अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र की 57 सदस्यीय जिरगा (परिषद) ने संघर्ष विराम समझौते में मदद की।

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    अफगान तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, दोनों पक्षों ने महसूस किया कि शांति उनके हित में है

    कराची, एएनआइ: अफगान तालिबान ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) और पाकिस्तान सरकार के बीच अनिश्चितकालीन संघर्ष विराम समझौता सकुशल संपन्न हो चुका है। अफगान तालिबान के प्रवक्ता जैबिउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तानी पत्रकारों के समूह दारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कहा, 'मेरा मानना है कि दोनों पक्षों ने इस बात का ध्यान रखा कि शांति की ओर आगे बढ़ना दोनों के हित में है।' तालिबान प्रवक्ता मुजाहिद ने शनिवार को कहा, 'युद्ध और हिंसा से न केवल मानवीय, सामाजिक और आर्थिक हानि होती है बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी हस्तक्षेप करने का अवसर मिलता है।'

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    पत्रकारों की ओर से जब पूछा गया कि क्या यह स्थायी शांति है, तो प्रवक्ता ने कहा कि हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, यह उन दो पक्षों के बीच की बात है, हम इसमें शामिल नहीं होना चाहते। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, जैबिउल्लाह से जब यह पूछा गया कि अगर वार्ता विफल हो जाती तो, इस पर उन्होंने कहा कि इस्लामी संगठन अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान पर आक्रमण के लिए किसी को नहीं करने देगा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र की 57 सदस्यीय जिरगा (परिषद) ने काबुल में दो दिन चली वार्ता में संघर्ष विराम समझौते में मदद की।

    मुजाहिद ने अमेरिका के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने में अफगान तालिबान की रुचि को भी व्यक्त किया। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने के अनुसार, उन्होंने कहा, "अमेरिका और अन्य सभी देशों के लिए यह मानना अच्‍छा है कि हमारे साथ राजनीतिक लेन-देन सभी के हित में है।" साथ ही मुजाहिद ने कहा कि "युद्ध का मौसम" बीत चुका है और तालिबान अमेरिका के साथ "मैत्रीपूर्ण" संबंध चाहते हैं।"

    अफगानिस्तान से सीमा पार से होने वाले हमलों को स्थायी रूप से रोकने के लिए पाकिस्तान सरकार और टीटीपी लंबे समय से शांति वार्ता कर रहे हैं।

    रिपोर्ट के अनुसार टीटीपी की मांगों के जवाब में, इस्लामाबाद पहले ही सैकड़ों हिरासत में लिए गए और दोषी ठहराए गए टीटीपी सदस्यों को रिहा करने और उनके खिलाफ अदालती मामलों को वापस लेने पर सहमत हो गया है।

    गौरतलब है कि, प्रतिबंधित टीटीपी ने औपचारिक रूप से इस महीने काबुल में एक भव्य आदिवासी जिरगा के साथ दो दिनों की बातचीत के बाद पाकिस्तान के साथ अनिश्चितकालीन युद्धविराम की घोषणा की थी, जिसमें पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का शांति समझौते तक पहुंचने के लिए खैबर पख्तूनख्वा के साथ संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों (फाटा) के विलय को उलटने की एक प्रमुख शर्त थी।

    आदिवासी बुजुर्गों, राजनेताओं और सांसदों के 57 सदस्यीय जिरगा ने दो दिनों के लिए काबुल के इंटर-कॉन्टिनेंटल होटल में वरिष्ठ टीटीपी नेताओं के साथ मुलाकात की और पाकिस्तान और प्रतिबंधित आतंकी संगठन टीटीपी के बीच शांति प्रयास की मांगों पर चर्चा की।