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    पाकिस्तान की शर्मनाक करतूत आई सामने, अपने ही नागरिकों की कराता है जासूसी; एमनेस्टी रिपोर्ट में खुलासा

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी अधिकारी विदेशी प्राइवेट कंपनियों से प्राप्त आधुनिक निगरानी उपकरणों के जरिए पत्रकारों और राजनेताओं सहित लाखों नागरिकों की जासूसी कर रहे हैं। यह निगरानी नेटवर्क चीनी और पश्चिमी देशों की तकनीकों का उपयोग करके विकसित किया गया है। रिपोर्ट में जर्मनी फ्रांस यूएई चीन कनाडा और अमेरिका स्थित कंपनियों के गठजोड़ से संचालित होने का दावा किया गया है।

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    अपने ही नागरिकों की जासूसी कराता है पाकिस्तान

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तानी अधिकारी विदेशी प्राइवेट कंपनियों से प्राप्त आधुनिक निगरानी उपकरणों के जरिए पत्रकारों और प्रमुख राजनेताओं सहित लाखों नागरिकों की बड़े पैमाने पर जासूसी कर रहे हैं। मानवाधिकार निगरानी संस्था 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' की 'शैडोज आफ कंट्रोल : सेंसरशिप एंड मास सर्विलांस इन पाकिस्तान' शीर्षक वाली रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान का बढ़ता निगरानी नेटवर्क चीनी और पश्चिमी देशों की तकनीकों का इस्तेमाल करके विकसित किया गया है।

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    रिपोर्ट में कहा गया है, ''पाकिस्तानी अधिकारी देश के नागरिकों, जिनमें आम नागरिक, पत्रकार और प्रमुख राजनेता भी शामिल हैं, पर गैरकानूनी तरीके से निगरानी रख रहे हैं।'' एक साल तक चली यह निगरानी पेपर ट्रेल मीडिया, डीईआर स्टैंडर्ड, फालो द मनी, द ग्लोब एंड मेल, जस्टिस फार म्यांमार, इंटरसेकलैब और टोर प्रोजेक्ट के सहयोग से की गई।

    पाकिस्तान में गैरकानूनी व्यापक निगरानी - एमनेस्टी रिपोर्ट

    रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में गैरकानूनी व्यापक निगरानी और सेंसरशिप का विस्तार जर्मनी, फ्रांस, यूएई, चीन, कनाडा और अमेरिका स्थित कंपनियों के गठजोड़ से संचालित होता है। एमनेस्टी ने अपने निष्कर्षों में कहा, ''सशस्त्र बल और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) पाकिस्तानी दूरसंचार प्रदाताओं के माध्यम से लाखों लोगों की डिजिटल गतिविधि की निगरानी के लिए वैध इंटरसेप्ट मैनेजमेंट सिस्टम (एलआइएमएस) का उपयोग करते हैं।''

    इसमें यह भी कहा गया है कि जांच से यह उजागर होता है कि कैसे पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन्नत निगरानी और सेंसरशिप उपकरणों विशेष रूप से नए फायरवाल (वेब मॉनिटरिंग सिस्टम 'डब्ल्यूएमएस 2.0') और वैध इंटरसेप्ट मैनेजमेंट सिस्टम (एलआइएमएस) की एक गुप्त वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से विदेशी कंपनियों से तकनीक प्राप्त की है।

    पाकिस्तान में टेक्स्ट, ईमेल, कॉल और इंटरनेट की निगरानी- एमनेस्टी इंटरनेशनल

    एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा, ''पाकिस्तान का वेब मॉनिटरिंग सिस्टम और वैध इंटरसेप्ट मैनेजमेंट सिस्टम (एलआइएमएस) वॉचटावर की तरह काम करते हैं और आम नागरिकों की जिंदगी पर लगातार नजर रखते हैं।'

    उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान में आपके टेक्स्ट, ईमेल, कॉल और इंटरनेट एक्सेस सभी निगरानी के दायरे में हैं। लेकिन लोगों को इस निरंतर निगरानी और इसकी अविश्वसनीय पहुंच का अंदाजा नहीं है। यह मनहूस हकीकत बेहद खतरनाक है क्योंकि यह अभिव्यक्ति की आजादी और सूचना तक पहुंच को गंभीर रूप से प्रतिबंधित करती है। मानवाधिकारों को नजरअंदाज किया गया है। पाकिस्तानी लोग इसकी सबसे ज्यादा कीमत चुका रहे हैं।''

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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