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जानें- उन 4 बड़े कारणों को जिनकी वजह से अमेरिका के करीब पहुंचा पाकिस्‍तान, बदले हुए हैं तेवर

पााकिस्‍तान और अमेरिका के बीच के संबंध बीते कुछ माह में तेजी से बदले हैं। अब दोनों काफी करीब आ गए लगते हैं। इमरान खान के समय में इन दोनों में काफी दूरी थी। इसके कुछ बड़े कारण भी हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 07 Oct 2022 12:45 PM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 12:45 PM (IST)
जानें- उन 4 बड़े कारणों को जिनकी वजह से अमेरिका के करीब पहुंचा पाकिस्‍तान, बदले हुए हैं तेवर
इमरान खान के समय पाकिस्‍तान अमेरिका में काफी दूरी थी।

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। हाल के कुछ समय में पाकिस्‍तान अमेरिका के काफी करीब पहुंचता मालूम होता है। ऐसे में ये सवाल उठना जरूरी हो जाता है कि आखिर बीते कुछ माह में ऐसा क्‍या हुआ है जो इतना बड़ा फेर-बदल देखने को मिल रहा है। इमरान खान की सरकार में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला था। इतना ही नहीं इमरान की सरकार इस बात को लेकर खिन्‍न दिखाई देती थी कि अमेरिका भारत को गले लगा रहा है और उन्‍हें दुत्‍कार रहा है। ऐसे में इस सवाल का जवाब तलाशना काफी अहम हो जाता है। इसके जवाब के तौर पर बीते कुछ माह में 4 बड़े कारण हम आपको बता रहे हैं जिनकी वजह से पाकिस्‍तान का अमेरिका के करीब जाना संभव हो सका है। 

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पाकिस्‍तान में आई बाढ़ 

पाकिस्‍तान में आई विनाशकारी बाढ़ ने देश में भारी तबाही मचाई। इसकी वजह से देश के 65 लाख लोग प्रभावित हुए और जान-माल की हानि अलग हुई। पाकिस्‍तान ने बाहरी दुनिया से मदद की अपील की तो यूएन प्रमुख ने पाकिस्‍तान जाकर बाढ़ का हाल जाना। उन्‍होंने हवाई दौरा करने के बाद दुनिया से अपील की कि वो पाकिस्‍तान को इस त्रासदी से बाहर आने में मदद करे। इसका नतीजा हुआ कि अमेरिका से बाढ़ पीडि़तों की मदद के बहाने पाकिस्‍तान अमेरिका के बीच बातचीत शुरू हुई जो बाद में मुलाकात और कुछ ऐलान तक पहुंची। 

यूएन का 67वां सत्र 

संयुक्‍त राष्‍ट्र के 67वें सत्र का भी इस बीच काफी अहम रोल रहा है। ये सत्र ऐसे समय में हुआ जब दोनों देशों के बीच सब कुछ ठीक नहीं था। इस सत्र के बहाने पाकिस्‍तान के पीएम और विदेश मंत्री को अमेरिका जाने का मौका मिला। वहां पर उन्‍होंने अमेरिकी मंत्रियों से औपचारिक और अनौपचारिक वार्ताओं में शिरकत की। 

अलकायदा के सरगना जवाहिरी का मारा जाना 

अफगानिस्‍तान में बैठे अलकायदा के चीफ अल जवाहिरी का मारा जाना दोनों देशों को काफी करीब लाया। हालांकि अब तक ये बात स्‍पष्‍ट नहीं हो सकी है कि जिस ड्रोन से जवाह‍िरी को मार गिराया गया वो पाकिस्‍तान से उड़ा था या नहीं, लेकिन किसी अन्‍य देश ने भी अब तक ये नहीं कहा कि ये ड्रोन उनके यहां से उड़ा था। इस लिहाज से माना जा रहा है कि ये पाकिस्‍तान से ही गया था। इसका अर्थ है कि पाकिस्‍तान ने अमेरिका को इसकी इजाजत दी थी। ये भले ही स्‍पष्‍ट न हुआ हो लेकिन पाकिस्‍तान के एफ-16 लड़ाकू विमानों केा दिए गए पैकेज के पीछे ये एक बड़ा कारण माना जा रहा है। 

कर्ज को लेकर पाकिस्‍तान के आला अधिकारियों का अमेरिका दौरा 

पाकिस्‍तान पर अरबों डालर का कर्ज है। इस कर्ज को उतारने के लिए पाकिस्‍तान ने वर्ल्‍ड बैंक, आईएमएफ से कई बार कर्ज देने की गुजारिश की। इसको लेकर अमेरिकी नेताओं और बड़े अधिकारियों का अमेरिकी दौरा भी हुआ। पाकिस्‍तान ने कई बार अमेरिका से सीधेतौर पर इस कर्ज के लिए आईएमएफ पर दबाव बनाने की भी अपील की। इसका नतीजा ये हुआ कि आईएमएफ से पाकिस्‍तान को कर्ज के तौर पर कुछ रुकी हुई राशि का आवंटन कर दिया गया।  

सरकार का उलटफेर 

इमरान खान की सरकार में पाकिस्‍तान और अमेरिका के संबंध काफी खराब थे। इसके बाद देश में सत्‍ता परिवर्तन हुआ और पीएमएल-एन नेतृत्‍व वाली गठबंंधन सरकार बन गई। ऐसे में माना जा रहा है कि इमरान खान की सरकार से अमेरिका खुश नहीं था। इसलिए सत्‍ता परिवर्तन उसके लिए एक शुभ मुहुर्त जैसा साबित हुआ है। हाल के कुछ माह में जो कुछ देखने को आया है वो इसकी तस्‍दीक भी कर रहा है। 

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