Move to Jagran APP

खस्ताहाल अर्थव्यवस्था, महंगाई और बाढ़ से परेशान पाकिस्तान ने अमेरिका से बढ़ाई नजदीकी

पाकिस्‍तान और अमेरिका के संबंधों में बीते कुछ माह में जो बदलाव आया है वो भारत के लिए चिंता का सबब बन गया है। जानकार इसको शुभ संकेत नहीं मान रहे हैं। हाल ही में दोनों देशों के बीच एक बैठक भी हुई है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 06 Oct 2022 12:16 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 02:42 PM (IST)
खस्ताहाल अर्थव्यवस्था, महंगाई और बाढ़ से परेशान पाकिस्तान ने अमेरिका से बढ़ाई नजदीकी
कुछ समय से पाकिस्‍तान अमेरिका के बीच पक रही खिचड़ी

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। पाकिस्‍तान और अमेरिका के बीच हाल के कुछ माह में जिस तरह की खिचड़ी पक रही है वो भारत के लिए शुभ संकेत नहीं दिखाई देती। कुछ माह में तेजी से विश्‍व स्‍तर पर बदलते समीकरण भी भारत के लिए मुफीद दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसलिए भारत को हर मोर्चे और हर स्‍तर पर सचेत रहने की जरूरत है। गौरतलब है कि पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा इन दिनों अमेरिका की यात्रा पर हैं। उन्‍होंने इस दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन से भी मुलाकात की है।

loksabha election banner

अमेरिका पाकिस्‍तान सहयोग 

इस मुलाकात के बाद दोनों तरफ से लंबे समय तक सहयोग की बात भी कही गई है। इससे पहले अमेरिका ने पाकिस्‍तान को एफ-16 लड़ाकू विमानों के लिए जो पैकेज मंजूर किया था, उस पर भारत ने अपनी चिंता खुलकर अमेरिका के सामने व्‍यक्‍त की थी। इस वक्‍त भी अमेरिका और पाकिस्‍तान की जुगलबंदी पर भारत की पूरी निगाह लगी हुई है। आस्टिन और बाजवा की बैठक के बाद कहा गया है कि दोनों ही देश द्विपक्षीय मुद्दों पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। एक ट्वीट में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच संबंध 75 वर्ष पुराने हैं।

कई मुद्दों पर हुई बातचीत 

दोनों के बीच जो बातचीत हुई है उसमें रक्षा क्षेत्र को लेकर हुई बातचीत काफी अहम दिखाई दे रही है। पेंटागन ने भी इसकी तस्दीक की है। पाकिस्‍तान की आर्मी की तरफ से आईएसपीआर के ट्वीट में कहा गया है कि दोनों देशों का ध्‍यान क्षेत्रीय सुरक्षा के द्विपक्षीय मुद्दों पर साथ आने पर है। इस तरह से अपने ट्वीट में आईएसपीआर ने पेंटागन की बातों की ही पुष्टि की है। दोनों के बीच अन्‍य जिन मुद्दों पर बातचीत हुई है उनमें अफगानिस्‍तान में मानवीय सहायता प्रदान करना और पाकिस्‍तान में बाढ़ पीडि़तों को राहत देना भी शामिल रहा है।

पाकिस्‍तान को मदद से बढ़ेगी चिंता 

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एच एस भास्‍कर का कहना है कि इस बैठक से भारत की चिंता दोनों के बीच रणनीतिक मुद्दों को लेकर हो सकती है। पाकिस्‍तान को मिलने वाली कोई भी रणनीतिक मदद भारत के लिए चिंता का सबब बन सकती है। इसलिए भारत को हर तरफ से चौकस रहने की जरूरत है। उनके मुताबिक, पहले ही पाकिस्‍तान को एफ-16 के लिए पैकेज का अनाउंस कर अमेरिका ने भारत की चिंता को बढ़ाने का काम किया है। भविष्‍य में भी इन दोनों देशों की जुगलबंदी भारत के लिए एक बड़ी समस्‍या की वजह बन सकती है। प्रोफेसर भास्‍कर ने कहा कि कुछ दिन पहले ही पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल ने भी एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की थी। इसके कुछ दिन बाद ही अब बाजवा वहां पहुंचे हैं। इसके संकेत काफी बड़े हैं।  

अमेरिका ने नकारी भारत की चिंता

अमेरिका भारत की चिंताओं को गैर वाजिब मानते हुए इन्‍हें आपसी हित के तहत लिए गए फैसले करार दे रहा है। अमेरिका पर ज्‍यादा विश्‍वास करना भी भारत के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। ऐसे में जरूरी होगा कि भारत अपनी रणनीतिक मजबूती पर पूरा ध्‍यान दे और सीमाओं की रक्षा को चाक-चौबंद रखे। भारत को अपने हितों को साधने के लिए विश्‍व में बदलते नए समीकरणों पर भी ध्‍यान देना जरूरी है।  

बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही पाकिस्‍तान के सामने आई नई मुसीबत, यूएन की ताजा रिपोर्ट में दी चेतावनी

आखिरकार कोर्ट ने बख्‍श दी इमरान खान की जान, सरकार का नहीं चल सका दांव, जानें पूरा मामला 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.