आर्थिक पतन टालने को राष्ट्रीय संपत्तियां बेच रहा पाकिस्तान, एयरलाइंस बेचने के बाद अब इनका है नंबर
पीआईए एक लंबे समय से संकटग्रस्त राष्ट्रीय विमानन कंपनी है जो वर्षों से भारी घाटे का सामना कर रही थी। सरकारी दस्तावेजों और कैबिनेट की चर्चाओं से संकेत ...और पढ़ें

नेशनल एयरलाइंस के बाद, पाकिस्तान पूर्ण पतन से बचने के लिए बैंक और होटल बेच रहा है (फोटो- जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जहां विदेशी कर्ज 134 बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया है। आईएमएफ की शर्तों पर चल रहे निजीकरण अभियान में हाल ही में पीआईएको निजी हाथों में सौंपा गया। अब सरकार बिजली वितरण कंपनियां (DISCOs जैसे IESCO, FESCO), बैंक (First Women Bank, ZTBL), न्यूयॉर्क का Roosevelt Hotel (जॉइंट वेंचर मॉडल से), ऊर्जा संयंत्र और बीमा संस्थाओं को निजीकरण की योजना बना रही है। यह 'करो या मरो' स्थिति है, लेकिन आलोचक इसे कुप्रबंधन छिपाने और राष्ट्रीय संपत्तियों की बिक्री बता रहे हैं।
पीआईए एक लंबे समय से संकटग्रस्त राष्ट्रीय विमानन कंपनी है जो वर्षों से भारी घाटे का सामना कर रही थी। सरकारी दस्तावेजों और कैबिनेट की चर्चाओं से संकेत मिलता है कि बिजली वितरण, बैंकिंग, आतिथ्य, बीमा और ऊर्जा सहित कई सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं को 2026 के अंत से पहले निजी हाथों में हस्तांतरित किया जा सकता है।
हाल के महीनों में पाकिस्तान का आर्थिक संकट और गहरा गया है, और विदेशी कर्ज कथित तौर पर 131 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। विश्लेषकों का कहना है कि सरकार अब केवल दैनिक खर्चों को पूरा करने के लिए कर्ज ले रहीहै।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की राहत राशि के लिए बड़े पैमाने पर निजीकरण एक पूर्व शर्त है। विशेषज्ञों का कहना है कि महत्वपूर्ण पुनर्गठन और परिसंपत्तियों की बिक्री के बिना, पाकिस्तान को श्रीलंका के समान ऋण संकट का सामना करना पड़ सकता है।
5 प्रमुख क्षेत्रों का होगा सौदा
अधिकारियों के अनुसार, अगले 12 महीनों में निजीकरण के लिए पांच प्रमुख संस्थाओं के समूहों को चुना गया है, जिसे पाकिस्तान में कुछ लोग अनौपचारिक रूप से "एजेंडा-5" योजना कह रहे हैं।
1. विद्युत वितरण कंपनियां (डिस्को)
बिजली आपूर्ति में लगातार रुकावट और बिजली चोरी की समस्या सरकारी बिजली कंपनियों के लिए एक गंभीर समस्या रही है। IESCO (इस्लामाबाद), FESCO (फैसलाबाद) और GEPCO (गुजरांवाला) जैसी कंपनियों को निजी ऑपरेटरों को सौंपे जाने की संभावना है।
2. बैंकिंग क्षेत्र (फर्स्ट वुमन बैंक और जेडटीबीएल)
फर्स्ट वुमन बैंक लिमिटेड (एफडब्ल्यूबीएल) और ज़राई ताराकियाती बैंक लिमिटेड (जेडटीबीएल) को भी बिक्री के लिए प्रस्तावित किया गया है। अधिकारियों का तर्क है कि बैंकिंग संचालन निजी क्षेत्र की दक्षताके लिए अधिक उपयुक्त हैं।
3. होटल और अचल संपत्ति
सरकार की योजना न्यूयॉर्क के ऐतिहासिक रूजवेल्ट होटल और लाहौर के सर्विसेज इंटरनेशनल होटल का निजीकरण करने की है, इस उम्मीद के साथ कि इससे प्राप्त होने वाली धनराशि विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने मेंसहायक हो सकती है।
4. ऊर्जा उत्पादन कंपनियां (जेनकोस)
राज्य पर वित्तीय बोझ को कम करने के लिए, जामशोरो और लखदा सहित घाटे में चल रहे सार्वजनिक बिजली संयंत्रों को विनिवेश के लिए विचाराधीन किया जा रहा है।
5. बीमा और खुदरा नेटवर्क
सरकार द्वारा प्रत्यक्ष वाणिज्यिक गतिविधियों से पीछे हटने के प्रयास में, राज्य जीवन बीमा निगम और देशव्यापी उपयोगिता स्टोर नेटवर्क को निजीकरण की सूची में शामिल किया गया है।
भविष्य के जोखिमों पर बहस
पाकिस्तान की मिश्रित राजनीतिक व्यवस्था के तहत सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की देखरेख में चल रहे निजीकरण कार्यक्रम ने तीखी बहस छेड़ दी है। समर्थकों का कहना है कि आर्थिक पुनरुद्धार का यही एकमात्र व्यवहार्य मार्ग है।
वहीं, विरोधियों का तर्क है कि सरकारी संपत्तियों की बिक्री शासन की विफलता को दर्शाती है और इससे राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता कमजोर होने का खतरा है।

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