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पाकिस्तान में एक रोटी की कीमत 30 रुपये, डिप्रेशन में जा रहे लोग, हर घंटे एक शख्‍स दे रहा जान

Suicide Rate in Pakistan पाकिस्तान जिस युवा पीढ़ी के दम पर वह आतंकवाद की खेती करता था अब वही अवसाद के गहरे दलदल में जाने लगी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 03:36 PM (IST)
पाकिस्तान में एक रोटी की कीमत 30 रुपये, डिप्रेशन में जा रहे लोग, हर घंटे एक शख्‍स दे रहा जान
पाकिस्तान में एक रोटी की कीमत 30 रुपये, डिप्रेशन में जा रहे लोग, हर घंटे एक शख्‍स दे रहा जान

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। आतंकवाद की खेती करने वाले पाकिस्तान की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। वह किसी एक परेशानी से निकलने की कोशिश करता है तो दूसरी मुंह बाए खड़ी हो जाती है। दरअसल, जिस युवा पीढ़ी के दम पर वह आतंकवाद की खेती करता था अब वही अवसाद के गहरे दलदल में जाने लगी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में हर दिन 15 से 35 लोग अपनी आत्महत्या कर रहे हैं। रिपोर्ट की मानें तो आर्थिक मोर्चे पर परेशानी का सामना कर रहे इस देश में हर घंटे कम से कम एक व्यक्ति अपनी जान दे रहा है।

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आत्मघाती कदम उठा रहे लोग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation, WHO) का अनुमान है कि साल 2012 में पाकिस्तान में आत्महत्या की दर प्रति एक लाख लोगों पर 13,000 थी। बता दें कि पिछले साल दिसंबर में अखबार डॉन ने एक सव्रे प्रकाशित किया था। इस सव्रे के मुताबिक, नौ फीसद लोगों ने कहा कि वे अपना जीवन खत्म करने की कोशिश कर चुके हैं, जबकि 45 फीसद ने बताया कि उनके किसी न किसी करीबी ने आत्महत्या करने का ख्याल मन में आने की बात कही है। सव्रेक्षणों में यह बताया गया है कि इन घटनाओं के पीछे सामाजिक कारण जिम्मेदार रहे हैं। हालांकि, कुछ दूसरे अध्ययन पाकिस्तानी समाज की दूसरी तस्वीर दिखा रहे हैं।

अवसाद की चपेट में आबादी
पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन (Pakistan Medical Association, PMA) ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में कहा था कि देश के नागरिकों में अवसाद की समस्या विश्व औसत से काफी ज्यादा है। पाकिस्तान के गांवों की तुलना में शहरों में यह समस्या विकराल है। रिपोर्ट के मुताबिक, कराची के लगभग 35.7 फीसद, क्वेटा में 43 फीसद जबकि लाहौर में 53.4 फीसद लोग डिप्रेशन के शिकार हैं। अनुमान है कि पूरे पाकिस्तान में 34 फीसद लोगों को डिप्रेशन की समस्य है। पीएमएक के अधिकारियों की मानें तो पाकिस्तानियों के अवसाद ग्रस्त होने की कई वजहें हैं। मुख्य वजहों में नौकरी न मिलना, नौकरी छूटना, आमदनी न होना शामिल हैं।

बेरोजगारी की मार, 30 रुपये तक पहुंची रोटी की कीमत
पाकिस्तान में बेरोजगारी की स्थिति बेहद खराब स्तर तक पहुंच गई है। मौजूदा वक्त में यह 5.90 फीसद है। आने वाले दिनों में इसके सुधरने के भी कोई संकेत नहीं हैं। साल 2020 में भी इसके 5.90 फीसद रहने का अनुमान है। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक पीएसबी (स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान) ने बड़ा फैसला लेते हुए ब्याज दरें बढ़ाकर 13.25 फीसदी कर दिया है। यह आठ साल में सबसे ज्यादा ह। इतना ही नहीं पाकिस्तानी रु पये में गिरावट का दौर जारी। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यह अब तक के सबसे निचले स्तर 160 पर आ गया है। महंगाई का आलम यह है कि 10-12 रुपये में बिकने वाली गेहूं की रोटी की कीमत अब 20 से 30 रुपये तक पहुंच गई है।

शिक्षा की स्थिति भी खराब
पाकिस्तान में शिक्षा की बदहाली को लेकर भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में शिक्षा की मौजूदा स्थिति इतनी खराब है कि साल 2030 तक वहां हर चार में से एक बच्चा अपनी प्राथमिक शिक्षा भी पूरी नहीं कर पाएगा। समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनेस्को के आंकड़े बताते हैं कि आने वाले 12 वर्षों में पाकिस्तान शिक्षा के आधे लक्ष्य को ही हासिल कर पाएगा। देश में शिक्षा की जो मौजूदा दर है उसमें 50 फीसद युवा उच्च माध्यमिक तक की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पा रहे हैं।


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