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    भारत से मुंहतोड़ जवाब मिला तो लंदन से पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ, भाई शहबाज को दी ये सलाह

    पाकिस्तान को भारत की तरफ से मुंहतोड़ जवाब मिलने के बाद से ही पड़ोसी मुल्क बिलबिला गया है। काटो तो खून नहीं जैसी पाकिस्तान की स्थिति होने के बाद अब नवाज शरीफ लंदन से वापस लौट आए हैं। नवाज शरीफ ने अपने भाई शहबाज शरीफ को सलाह दी है कि वह भारत के साथ तनाव को कम करें।

    By Agency Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Fri, 09 May 2025 06:56 PM (IST)
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    शहबाज की मदद करने के लिए लंदन से पाकिस्तान लौटे नवाज शरीफ (फोटो: पीटीआई)

    एएनआई, इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और पाकिस्तान द्वारा मुंह की खाने के बाद अब पड़ोसी मुल्क घुटने पर आ गया है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने भाई और वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को तनाव कम करने की नसीहत दी है।

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    नवाज शरीफ ने शहबाज से कहा है कि बढ़ते संकट को कम करने के लिए कूटनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया जाए। पाकिस्तान न्यूज पोर्टल द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इस संबंध में जानकारी दी। बता दें कि नवाज शरीफ अपने भाई शहबाज की मदद करने के लिए लंदन से पाकिस्तान लौट आए हैं।

    शांति बनाना चाहते हैं नवाज शरीफ

    • शरीफ ने पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को भारत के साथ शांति बहाल करने के लिए सभी उपलब्ध राजनयिक संसाधनों का उपयोग करने को कहा है। यह भी कहा गया कि नवाज शरीफ आक्रामक रुख अपनाने के इच्छुक नहीं थे।
    • बता दें कि नवाज शरीफ ने इसके पहले कहा था कि 1999 में उनकी सरकार को इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने कारगिल युद्ध का विरोध किया था। द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार नवाज ने कहा था कि पीएमएल-एन ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन हमेशा सत्ता से बाहर कर दिया गया।
    • पाकिस्तान में नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार को कारगिल युद्ध के समय12 अक्टूबर 1999 को तख्तापलट कर हटा दिया गया था। पिछले साल नवाज ने यह भी स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने 1999 में भारत के साथ हुए समझौते का 'उल्लंघन' किया था।

    लाहौर समझौते पर भी बोले थे नवाज

    नवाज शरीफ ने कहा था, '28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए। उसके बाद वाजपेयी साहब यहां आए और हमारे साथ समझौता किया। लेकिन हमने उस समझौते का उल्लंघन किया। यह हमारी गलती थी।'

    शरीफ दरअसल लाहौर घोषणा की बात कर रहे थे, जिस पर उन्होंने और तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 21 फरवरी, 1999 को भारत और पाकिस्तान के बीच शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, हस्ताक्षर के तुरंत बाद, पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में घुसपैठ की, जिससे कारगिल युद्ध हुआ।

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