Pakistan Flood: पाकिस्तान में बाढ़ से तबाही, 25 लाख लोग बेघर..., इतिहास का सबसे बड़ा बचाव अभियान जारी
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बाढ़ से भारी तबाही हुई है। लगभग 25 लाख लोग बेघर हो गए और 101 लोगों की जान चली गई। मुल्तान मुजफ्फरगढ़ और रहिम यार खान जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं जिनमें 1500 से ज्यादा नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जलीलपुर पिरवाला और आलीपुर तहसीलों को सुरक्षित घोषित कर दिया गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के दक्षिणी हिस्सों में बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे उतरने लगा है, लेकिन तबाही का मंजर अभी भी डरा देने वाला है। करीब 25 लाख लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए और अब तक 101 लोगों की मौत हो चुकी है। बाढ़ से प्रभावित लोग राहत कैंप और खुले आसमान के नीचे जिंदगी गुजार रहे हैं।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) ने बताया कि हाल के सालों में यह सबसे बड़ा राहत और बचाव अभियान है। 1500 से ज्यादा नाव लगाई गई हैं, जिनसे अब तक 12 हजार 427 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। सबसे ज्यादा नुकसान मुल्तान, मुजफ्फरगढ़ और रहिम यार खान जिलों में हुआ है। कई गांव पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं, जैसे लाती मारी यूनियन काउंसिल जहां 40 हजार लोग रहते थे।
दो ग्रामीणों की हुई मौत
स्थानीय निवासी सैयद कौसर शाह ने बताया, "करीब 15 हजार लोग अपने दम पर भाग निकले। घर और खेत तबाह हो गए हैं और कुछ लोग राहत शिविरों में हैं, बाकी खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं।" उन्होंने बताया कि भागने की कोशिश में दो ग्रामीणों की डूबकर मौत हो गई।
बड़ी राहत की खबर यह रही कि जलीलपुर पिरवाला और आलीपुर तहसीलों को सुरक्षित घोषित किया गया है। सिर्फ जलीलपुर पिरवाला से तीन दिन में 1 लाख लोग निकाले गए हैं और टूटे हुए तटबंधों की मरम्मत की जा रही है। हेलीकॉप्टर और ड्रोन से खाना और दवाइयां डाली जा रही हैं और नाव से अभी भी गांवों तक सामान पहुंचाए जा रहे हैं।
खतरा अभी टला नहीं
PDMA के महानिदेशक इरफान अली कथिया ने बताया कि पंजनद हेडवर्क्स पर अब भी बाढ़ का खतरा है। पानी का स्तर इस हफ्ते की शुरुआत में 7 लाख क्यूसेक था, जो घटकर 4.92 लाख क्यूसेक रह गया है। उन्होंने कहा कि अगर बचाव कार्य देर से शुरू होता, तो मुल्तान से भी जबरन निकासी करनी पड़ सकती थी।
क्या हैं आधिकारिक आंकड़े?
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 28 जिलों की 4447 बस्तियां पानी में डूब गई हैं। करीब 2.19 मिलियन मवेशियों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। इस समय सतलुज नदी में गंडा सिंह वाला स्थान पर 95 हजार क्यूसेक पानी है, जिसे मध्यम बाढ़ माना जाता है।
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