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    बेरहम पाकिस्तान! भूकंप से मची तबाही के बावजूद अफगान शरणार्थियों को निकाला देश से बाहर, बताया 'आतंकवादी और अपराधी'

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 11:08 PM (IST)

    पाकिस्तान हजारों पंजीकृत अफगान शरणार्थियों को वापस भेज रहा है जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनके पास आधिकारिक दस्तावेज हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अफगानिस्तान हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप से जूझ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तारी के डर से वापसी में तेजी आई है।

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    अफगान शरणार्थियों निकाला जा रहा पाकिस्तान से बाहर। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान से हजारों अफगानी शरणार्थियों को निकाला जा रहा है। ये सभी आधिकारिक पंजीकरण दस्तावेजों वाले नागरिक हैं। पाकिस्तान ये कदम उस वक्त उठाया है जब अफगानिस्तान हाल ही में आए विनाशकारी भूकंप के झटके से जूझ रहा है। इसमें 1400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।

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    अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि हाल के दिनों में वापसी में तेजी से वृद्धि हुई है और परिवार गिरफ्तारी और उत्पीड़न के डर से सीमा पार कर रहे हैं। पाकिस्तान ने चार दशकों से भी ज्यादा समय से अफगान शरणार्थियों को शरण दी है।

    पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थियों को बताया आतंकी

    कई अफगानों ने पाकिस्तान में अपना जीवन बसाया, काम और शिक्षा प्राप्त की, जबकि कुछ अन्य वहीं पैदा हुए और पले-बढ़े या पश्चिम में पुनर्वास की प्रतीक्षा कर रहे थे। हालांकि, इस्लामाबाद ने अपना रुख कड़ा कर लिया है और हिंसा और उग्रवाद में वृद्धि के लिए अफगान शरणार्थियों को जिम्मेदार ठहराया है।

    इससे पहले 2023 में, सरकार ने व्यापक कार्रवाई शुरू की थी, जिसमें अफगानों को आतंकवादी और अपराधी करार दिया गया था और बड़े पैमाने पर निष्कासन का आदेश दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, तब से 12 लाख से ज्यादा अफगानों को वापस भेजा जा चुका है, जिनमें अकेले इस साल 4,43,000 लोग शामिल हैं।

    13 लाख अफगानों को किया जा रहा टारगेट

    अभियान के नवीनतम चरण में संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी की ओर से जारी पंजीकरण प्रमाण (पीओआर) कार्ड धारक लगभग 13 लाख अफगानों को लक्षित किया जा रहा है। उन्हें स्वेच्छा से जाने या नजरबंदी और निर्वासन का सामना करने के लिए 1 सितंबर तक का समय दिया गया था।

    समय सीमा से पहले के हफ्तों में अफगान परिवारों ने पुलिस की छापेमारी, जबरन वसूली और उत्पीड़न की सूचना दी, जिससे कई लोग काफिले में सीमा की ओर भागने को मजबूर हुए। यूएनएचसीआर के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में इसमें भारी वृद्धि हुई है, 24 से 30 अगस्त के बीच 25,490 अफगान वापस लौटे, जिनमें से आधे से ज्यादा पीओआर धारक थे।

    यह भी पढ़ें- अफगानिस्तान में विनाशकारी भूकंप ने मचाई भारी तबाही, मरने वालों की संख्या 1400 पार

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