सिर्फ 6 माह में सेना पर लुटा दिया अरबों रुपये, पीएम शहबाज के राज में कंगाली के मुहाने पर पहुंचा पाकिस्तान
पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक पाकिस्तान सरकार को ब्याज खर्च बढ़ने के कारण रक्षा खर्च के अलावा अपने अन्य खर्चों को कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान इन दिनों आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हालत ये हैं कि पाकिस्तान में दिन-प्रतिदिन महंगाई आसमान छूती जा रही है। इस बीच पता चला है कि पाकिस्तान का ब्याज खर्च बढ़ गया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार, पाकिस्तान में ब्याज का खर्च इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) में बढ़कर 2.57 ट्रिलियन डॉलर हो गया है, जो वार्षिक ऋण सेवा बजट का 65 प्रतिशत है।
रक्षा के अलावा अन्य खर्चों में कटौती की
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार को ब्याज खर्च बढ़ने के कारण रक्षा खर्च के अलावा अपने अन्य खर्चों को कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया है कि पाकिस्तानी रुपये 2.5 ट्रिलियन डॉलर की आय के साथ पाकिस्तान का कर्ज चुकाने और रक्षा पर खर्च सरकार की आय की तुलना में 3.2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि यह पाकिस्तान के सालाना कर्ज चुकाने वाले बजट का 65 फीसदी हिस्सा है।
विकास पर खर्च हुए 147 अरब पाकिस्तानी रुपये
रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज चुकाने और रक्षा पर 3.2 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये के भारी खर्च की तुलना में विकास पर केवल 147 अरब पाकिस्तानी रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष की तुलना में विकास पर खर्च 49 फीसदी कम है।
रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
वित्त मंत्रालय के सूत्रों का हवाला देते हुए समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष की जुलाई-दिसंबर अवधि के दौरान संघीय सरकार के ऋण स्टॉक पर ब्याज की लागत में 77 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि अन्य खर्चों के लिए विकास खर्च में 50 फीसदी की कमी की गई है।
सिर्फ छह महीनों में इस्तेमाल हुआ 65 प्रतिशत
द ट्रिब्यून ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने ब्याज लागत में लगभग 2.57 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये दिए हैं, जो 1.1 ट्रिलियन या 77 प्रतिशत पाकिस्तानी रुपये की वृद्धि को दर्शाता है। वहीं, चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने ब्याज खर्च के लिए 3.95 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये का बजट रखा था, लेकिन इसका 65 प्रतिशत सिर्फ छह महीनों में इस्तेमाल किया गया है।
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति सोमवार को करेगी बैठक
इस बीच केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति भी सोमवार को एक बैठक आयोजित करेगी, ताकि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और विदेशी प्रवाह को आकर्षित करने के लिए अपनी ब्याज दर में और वृद्धि की संभावना की समीक्षा की जा सके। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा था कि इस वित्त वर्ष में कर्ज चुकाने की लागत बढ़कर लगभग 5 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये हो सकती है, जो इस साल के कुल बजट 9.6 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये के आधे से अधिक है।
छह महीने में रक्षा पर 638 अरब पाकिस्तानी रुपये खर्च किए
सूत्रों का हवाला देते हुए समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने सैन्य पेंशन और सशस्त्र बलों के विकास पर खर्च को छोड़कर छह महीने में रक्षा पर 638 अरब पाकिस्तानी रुपये खर्च किए हैं। चालू वित्त वर्ष में, सरकार का कुल व्यय बढ़कर लगभग 4.7 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये हो गया। हालांकि, समाचार रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का वर्तमान व्यय बढ़कर 4.5 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये से अधिक हो गया है।