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    पहले भारतीय सेना ने चटाई धूल, अब डिप्लोमैटिक मोर्चे पर भी पस्त हो रहा पाकिस्तान; दुनिया ने माना आतंकवाद का गढ़

    Updated: Thu, 05 Jun 2025 06:45 PM (IST)

    पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाक स्थित आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की। सैन्य विफलता के बाद पाकिस्तान ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजकर भारत की नकल करने की कोशिश की लेकिन कूटनीति में भी विफल रहा। मलेशिया में इस्लामिक एकजुटता का हवाला देकर भारत के कार्यक्रम को रद्द करने की कोशिश की पर नाकाम रहा।

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    भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के हर करतूत की पोल खोली (फोटो: रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में मौजूद आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत स्ट्राइक की थी। भारत की स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने हवाई हमले की कोशिश की, लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने उसकी उम्मीदों को मिट्टी में मिला दिया।

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    सैन्य मौर्च पर मुंह की खाने के बाद अब पाकिस्तान ने भारत की नकल करते हुए दुनिया में अपने संसदीय प्रतिनिधिमंडल भेजा। लेकिन अब कूटनीति के मोर्चे पर भी पाकिस्तान बुरी तरह फेल हो गया है। पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल न्यूयॉर्क, वाशिंगटन डीसी, लंदन और ब्रुसेल्स की यात्रा पर है, जबकि दूसरे डेलिगेशन को रूस भेजा गया है।

    मलेशिया में पाकिस्तान की बेइज्जती

    जब पूरी दुनिया ने आतंकवाद के खिलाफ एक सुर में बोलना शुरू किया और भारत की कार्रवाई को सराहा, तो पाकिस्तान बुरी तरह बौखला गया। उसने धर्म का सहारा लेने की कोशिश की, लेकिन इसमें भी वह सफल नहीं हो पाया। पाकिस्तान ने मलेशिया में इस्लामिक एकजुटता का हवाला देकर भारत के कार्यक्रम को रद करने की कोशिश की।

    लेकिन उसकी एक न चली और भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मलेशिया में पाकिस्तान के हर करतूत की एक-एक कर पोल खोली। जेडीयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में भाजपा, कांग्रेस, सीपीएम, टीएमसी और दूसरी पार्टियों वाले डेलिगेशन ने पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया।

    हर मोर्चे पर फेल पाकिस्तान

    • भारत से हर मोर्चे पर मात खाने के बाद पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय पटल समर्थन जुटाने की कोशिश की, लेकिन उसे इसमें भी सफलता नहीं मिल पाई। गिनती के दो-तीन देशों को छोड़ दिया जाए, तो पाकिस्तान को पूरी दुनिया से तिरस्कार मिल रहा है। एफएटीएफ की प्रतिबंध सूची में पाकिस्तान अभी भी ग्रे लिस्ट में है।
    • ये भी दुनिया का दुर्भाग्य है कि आतंकवाद को पालने पोसने वाला पाकिस्तान 2025 में यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की तालिबान प्रतिबंध कमेटी की अध्यक्षता करने वाला है। पाकिस्तान काउंटर टेररिज्म कमेटी का उपाध्यक्ष भी होगा।

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