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    पाकिस्तान को महंगी पड़ी 'काबुल की चाय', पूर्व ISI चीफ पर क्यों बरसे इशाक डार?

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 05:17 PM (IST)

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने स्वीकार किया कि 2021 में काबुल में 'चाय का प्याला' महंगा साबित हुआ। उन्होंने आईएसआई के पूर्व प्रमुख जनरल फैज हमीद की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस गलती की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। डार ने पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे सीमा फिर से खुल गई और आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गईं। उन्होंने अफगान समकक्ष से बातचीत की और आगामी वार्ता से सहयोग की उम्मीद जताई।

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    पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने स्वीकार किया है कि 2021 में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दिखावटी चाय का प्याला बहुत महंगा साबित हुआ है। उन्होंने आगाह किया है कि ऐसी गलतियां दोबारा नहीं होनी चाहिए।

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    यहां पर डार ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के पूर्व प्रमुख जनरल फैज हमीद की 2021 की काबुल यात्रा का जिक्र किया था। यह यात्रा अमेरिका और सहयोगी सेनाओं की वापसी के बाद तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल करने के कुछ ही हफ्तों बाद हुई थी।

    'एक कप चाय की सबसे ज्यादा कीमत हमने चुकाई'

    बुधवार (05 नवंबर, 2025) को संसद सत्र के दौरान बोलते हुए कहा, "पाकिस्तान ने वहां पर इतना काम किया है कि जब हम वहां जाते हैं तो कहते हैं कि हम यहां पर एक कप चाय के लिए आए हैं लेकिन उस एक कप चाय की सबसे ज्यादा कीमत हमें चुकानी पड़ी है। यह एक बड़ी गलती थी और इसे दोहराया नहीं जाना चाहिए।"

    हमीद का नाम लिए बिना पाकिस्तानी मंत्री ने पिछली इमरान खान सरकार पर निशाना साधा और कहा, "उस चाय के प्याले ने पूरी सीमा को फिर से खोल दिया। 35,000-40,000 तालिबानी जो यहां से भाग गए थे, वापस आ गए और उस समय की सरकार ने सबसे खूंखार अपराधियों को रिहा कर दिया, जिन्होंने स्वात में पाकिस्तान के झंडे जलाए थे और कई लोगों को शहीद किया था।"

    'तालिबान के सत्ता में आने के बाद बढ़ीं पाकिस्तान में घटनाएं'

    डार ने यह भी दावा किया कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में सुरक्षा संबंधी घटनाएं बढ़ गई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि टीटीपी, फितना अल-खवारिज और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे आतंकवादी समूह अफगान धरती से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं।

    पाकिस्तानी नेता ने यह भी दावा किया था कि उन्होंने अपने अफगान समकक्ष अमीर खान मुत्ताकी के साथ छह बार फोन पर बातचीत की, जिसके दौरान पाकिस्तान ने अपनी चिंताएं व्यक्त कीं और मांग की कि अफगान क्षेत्र से कोई आतंकवादी गतिविधियां शुरू न की जाएं।

    हालांकि, मुत्ताकी ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री द्वारा किए गए दावों को खारिज करते हुए कहा कि दावों में "सटीकता का अभाव है"।

    डार ने सीमा पार से हो रहे हमलों पर निराशा व्यक्त की, लेकिन उम्मीद जताई कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आगामी वार्ता जो 6 नवंबर को इस्तांबुल में होने वाली है, वह सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

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