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    इमरान खान की पत्नी बुशरा को राहत, कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन मामले में 13 जनवरी तक दी अंतरिम जमानत

    इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को पाकिस्तान की एक जिला एवं सत्र न्यायालय ने 26 नवंबर के विरोध प्रदर्शन से संबंधित मामलों में अंतरिम जमानत दे दी है। मिली जानकारी के अनुसार बुशरा बीबी को 13 जनतक तक के लिए जमानत दी गई है। उनके वकील ने कहा अदालत ने प्रत्येक मामले के लिए 50000 रुपये के जमानत बांड जमा करने पर उनकी जमानत मंजूर कर ली है।

    By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Thu, 26 Dec 2024 02:02 PM (IST)
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    पाकिस्तान की अदालत ने बुशरा बीबी को दी जमानत (फाइल फोटो)

    एएनआई, इस्लामाबाद (पाकिस्तान)। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को पाकिस्तान की एक अदालत से अंतरिम जमानत मिल गई है। बता दें कि जिला एवं सत्र न्यायालय ने 26 नवंबर के विरोध प्रदर्शन से संबंधित मामलों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (Pakistan Tehreek-e-Insaf, PTI) के संस्थापक खान की पत्नी बुशरा बीबी को 13 जनवरी तक अंतरिम जमानत दे दी है।

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    ड्यूटी जज शबीर भट्टी ने उनकी अंतरिम जमानत याचिकाओं की सुनवाई की। बुशरा बीबी तरनोल पुलिस स्टेशन में दर्ज चार मामलों और रमना पुलिस स्टेशन में दर्ज तीन मामलों में अंतरिम जमानत मांगने के लिए अपनी कानूनी टीम के साथ अदालत में पेश हुईं।

    अदालत ने मंजूर की बुशरा बीबी की जमानत

    उनके वकील ने जानकारी देते हुए कहा, अदालत ने प्रत्येक मामले के लिए 50,000 रुपये के जमानत बांड जमा करने पर उनकी जमानत मंजूर कर ली गई है।

    इससे पहले 21 दिसंबर को रावलपिंडी में आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने उसे 32 मामलों में 13 जनवरी तक अंतरिम जमानत दी थी।

    रिपोर्ट के अनुसार, बुशरा बीबी (Anticipatory bail to bushra bibi) अपने वकीलों के साथ एटीसी के सामने पेश हुईं और कुल 32 मामलों में जमानत मांगी, जिनमें से 23 मामले 9 मई की हिंसा से जुड़े थे। उन्हें अब रावलपिंडी, अटक और चकवाल में दर्ज मामलों में अंतरिम जमानत मिल गई है।

    राजनीति से प्रेरित हैं मामले- फैसल मलिक

    उनके वकील फैसल मलिक ने तर्क दिया कि बुशरा बीबी के खिलाफ दर्ज मामले राजनीति से प्रेरित हैं और बदला लेने के उद्देश्य से किए गए हैं।

    मीडिया से बात करते हुए फैसल मलिक ने कहा कि पूर्व प्रथम महिला ने खुद को एटीसी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, उन्होंने कहा कि उन्हें अकेले रावलपिंडी में 23 मामलों में नामित किया गया था।

    पीटीआई ने इमरान खान की रिहाई की मांग करते हुए 24 नवंबर को विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान, पीटीआई का कारवां खैबर पख्तूनख्वा से इस्लामाबाद चला गया और 26 नवंबर तक प्रदर्शनकारी डी-चौक पहुंच गए, जहां सुरक्षाकर्मियों ने लोगों को तितर-बितर करने और विरोध प्रदर्शन समाप्त करने के लिए देर रात तक कार्रवाई की।

    एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा, इस बीच, पीटीआई के सूचना सचिव शेख वकास अकरम ने पार्टी के संस्थापक इमरान खान और उनकी पत्नी के खिलाफ 190 मिलियन पीएस भ्रष्टाचार मामले की निंदा की और इसे "राजनीतिक उत्पीड़न का सबसे खराब उदाहरण" कहा।

    23 नवंबर को पेशावर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अकरम ने चेतावनी दी कि लोग इमरान खान के खिलाफ और अधिक अन्याय बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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