Pakistan: कम नहीं हो रहीं इमरान खान की मुश्किलें, पूर्व पीएम और पत्नी बुशरा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने सोमवार को इमरान खान उनकी पत्नी बुशरा बीबी खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और 93 अन्य के लिए उनकी पार्टी के समर्थकों की तरफ से इस्लामाबाद में पिछले हफ्ते हुए विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। प्रदर्शनों के दौरान हिंसा दंगा और अन्य अपराधों के आरोपों के जवाब में वारंट जारी किया गया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने सोमवार को इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और 93 अन्य के लिए उनकी पार्टी के समर्थकों की तरफ से इस्लामाबाद में पिछले हफ्ते हुए विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
प्रदर्शनों के दौरान हिंसा, दंगा और अन्य अपराधों के आरोपों के जवाब में वारंट जारी किया गया है। 2023 से जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने 13 नवंबर को 24 नवंबर को होने वाले देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए अंतिम एलान किया था।
विरोध प्रदर्शन में मारे गए 12 लोग
इसमें पीटीआई के चुनावी जनादेश की बहाली, हिरासत में लिए गए पार्टी सदस्यों की रिहाई और 26 वां संविधान संशोधन कानून को उलटने की मांग की गई थी। पार्टी के अनुसार, इस्लामाबाद में मुख्य विरोध प्रदर्शन झड़पों में समाप्त हुआ, जिसमें 12 पीटीआई समर्थक मारे गए, जबकि सैकड़ों को गिरफ्तार किया गया।
इस्लामाबाद पुलिस ने इस्लामाबाद स्थित आतंकवाद विरोधी अदालत (एटीसी) में 96 संदिग्धों की एक सूची सौंपी, जिसमें खान, बीबी, गंडापुर, पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, पूर्व नेशनल असेंबली स्पीकर असद कैसर, पीटीआई अध्यक्ष गौहर खान, नेशनल असेंबली में विपक्षी नेता उमर अयूब खान और कई अन्य के नाम शामिल हैं।
96 संदिग्धों की सूची सौंपी गई
96 संदिग्धों की सूची सौंपने के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने एटीसी से उनके गिरफ्तारी वारंट जारी करने की अपील की। एटीसी न्यायाधीश ताहिर अब्बास सिप्रा ने पुलिस के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और सभी संदिग्धों के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किए।
विरोध प्रदर्शन के बाद दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में पाकिस्तान दंड संहिता, आतंकवाद विरोधी अधिनियम और शांतिपूर्ण सभा और सार्वजनिक व्यवस्था अधिनियम की विभिन्न धाराएं शामिल थीं।
न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए थे इमरान
इमरान खान को 28 सितंबर से 5 अक्टूबर के बीच विरोध प्रदर्शन से जुड़े सात मामलों में पहले ही न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
अप्रैल 2022 में अविश्वास मत के कारण उनकी सरकार गिरने के बाद से उनके खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज किए गए हैं। जानकारी के लिए बता दें कि इमरान खान और बुशरा बीबी दोनों पर 50 अरब पाकिस्तानी रुपए (19 करोड़ पाउंड) के दुरुपयोग का आरोप है, जिसे ब्रिटेन की राष्ट्रीय अपराध एजेंसी ने एक संपत्ति कारोबारी के साथ समझौते के तहत पाकिस्तान को लौटा दिया था।
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