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    Pakistan Church Attack: फैसलाबाद में ईशनिंदा का आरोप, गुस्साए लोगों ने चर्च फूंका; बिशप ने मांगी सुरक्षा

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 16 Aug 2023 04:03 PM (IST)

    Pakistan Church Attack पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला पंजाब प्रांत के फैसलाबाद का है। फैसलाबाद जिले में स्थित एक चर्च में तोड़फोड़ की गई और इसके बाद उपद्रवियों ने चर्च को आग के हवाले कर दिया। बिशप मार्शल ने X (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी को साझा किया है। उन्होंने सुरक्षा की गुहार लगाई है।

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    पाकिस्तान के फैसलाबाद में चर्च पर हमला (फोटो एएनआई)

    फैसलाबाद (पाकिस्तान), एजेंसी। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला पंजाब प्रांत के फैसलाबाद का है। फैसलाबाद जिले में स्थित एक चर्च में तोड़फोड़ की गई और इसके बाद उपद्रवियों ने चर्च को आग के हवाले कर दिया।

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    उपद्रवियों ने चर्च में लगाई आग

    लाहौर स्थित बिशप आजाद मार्शल के अनुसार, पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले में एक चर्च में तोड़फोड़ की गई और इसके बाद उसमें आग लगा दी गई। बताया जा रहा है कि भीड़ ने पंजाब प्रांत के फैसलाबाद जिले के एक चर्च में तोड़फोड़ ईशनिंदा के आरोपों के बाद की है।

    फैसलाबाद जिले में जरनवाला में स्थित चर्च पर हमला

    बिशप मार्शल ने X (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी को साझा किया है। उन्होंने कहा कि यह लिखते समय मेरे पास शब्द नहीं हैं। हम बिशप, पुजारी और आम लोग पाकिस्तान के फैसलाबाद जिले में जरनवाला में हुई घटना से बहुत दुखी और व्यथित हैं। उन्होंने कहा कि फैसलाबाद में चर्च की इमारत को जलाया जा रहा है। बाइबिल का अपमान किया गया और ईसाइयों पर धार्मिक ग्रंथ कुरान का उल्लंघन करने का झूठा आरोप लगाया गया है। साथ ही उन्हें प्रताड़ित भी किया गया है।

    बिशप ने उपद्रवियों पर कार्रवाई की मांग

    बिशप मार्शल ने कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हैं, जिन्होंने चर्च और ईसाइ समुदाय पर हमला किया है। साथ ही उन्होंने सरकार से नागरिकों की सुरक्षा की मांग की और उन्हें आश्वस्त करने को कहा कि उनका जीवन पाकिस्तान में मूल्यवान है, जिसने हाल ही में अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाया है।

    पाकिस्तान में घटी अल्पसंख्यकों की आबादी

    बता दें कि पाकिस्तान की स्थापना 1947 में एक सहिष्णु और समतावादी देश बनाने के इरादे से की गई थी, लेकिन बीते 70 सालों में पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले के मामले सामने आए हैं। पिछले महीने ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान के अध्यक्ष नवीद वाल्टर ने कहा था कि आजादी के बाद से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी 23 फीसदी से घटकर 3 फीसदी रह गई है।