UNSC: सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के क्या हैं नियम? आसान भाषा में समझें पाकिस्तान को कैसे चुना गया
पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का अध्यक्ष बन गया है यह मौका उसे रोटेशन के जरिए मिला है। पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद पूरे महीने परिषद का नेतृत्व करेंगे। यूएनएससी दुनिया की सबसे मजबूत अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप हैं फिर भी वह अध्यक्ष बन गया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का अध्यक्ष बन गया है और वो इस पूरे महीने ही अध्यक्ष रहेगा। हालांकि उसे किसी वोटिंग के जरिए ये अध्यक्षता नहीं मिली, बल्कि रोटेशन नंबर आने से ये मौका मिला है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद पूरे महीने परिषद का नेतृत्व करेंगे।
यूएनएससी दुनिया की सबसे मजबूत अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। इंटरनेशनल लेवल पर शांति और सुरक्षा के लिए यूएनएससी पूरी दुनिया पर नजर रखती है। यह आठवीं बार है जब पाकिस्तान सुरक्षा परिषद में शामिल हुआ है, इससे पहले 1952-53, 1968-69, 1976-77, 1983-84, 1993-94, 2003-04 और 2012-13 में पाकिस्तान अस्थायी सदस्यता हासिल कर चुका है।
कश्मीर और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों को उठाएगा पाकिस्तान
जुलाई में यूएनएससी की अध्यक्षता के दौरान पाकिस्तान की ओर से कम से कम दो ओपन मीटिंग्स करने की उम्मीद है। इन बैठकों के दौरान वो पहलगाम आतंकी हमले के बाद किए गए ऑपरेशन सिंदूर और कश्मीर के मुद्दे को उठाएगा। इसमें से कश्मीर मुद्दे को उसने आज बुधवार (02 जुलाई, 2025) को ही उठाया।
आतंकवाद का आरोप, फिर भी पाकिस्तान बन गया अध्यक्ष?
पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसे फैलाने के आरोप हैं और इसके बावजूद वो यूएनएससी का अध्यक्ष बन गया। तो इसका जवाब ये है कि तकनीकी रूप से देखा जाए तो यूएनएससी का संविधान कहता है कि जो भी सदस्य हैं, उन सभी को बारी-बारी से अध्यक्ष बनना है। फिर चाहे उसके ऊपर आरोप हों या नहीं। संविधान के मुताबिक, जब तक कोई देश इसकी सदस्यता वापस नहीं ले लेता, तब तक उसके लिए यूएनएससी में उसके लिए जगह रहेगी।
कैसे मिलती है यूएनएससी की अध्यक्षता?
- यूएनएससी के 15 देश सदस्य हैं।
- इसमें दो तरह की सदस्यता होती है- एक स्थाई और दूसरी अस्थाई।
- स्थाई सदस्यों की अगर बात की जाए तो उनमें, अमेरिकी, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस।
- इन पांच देशों के अलावा बाकी 10 देश अस्थाई सदस्य हैं।
- इन 10 देशों की सदस्यता हर दो साल में बदलती रहती है। इन सभी को रोटेशन के तहत अध्यक्षता करने का मौका मिलता है।
सुरक्षा परिषद के नियम 18 में कहा गया है, "सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता सुरक्षा परिषद के सदस्यों की ओर से उनके अंग्रेजी वर्णमाला क्रम में बारी-बारी से की जाएगी। हर एक देश एक कैलेंडर महीने के लिए अध्यक्ष पद पर रहेगा।"
2025 में कौन-कौन देश कर चुके हैं अध्यक्षता?
2025 में जनवरी में अल्जीरिया, फरवरी में चीन, मार्च में डेनमार्क, अप्रैल में फ्रांस, मई में ग्रीस और जून में गुयाना अध्यक्षता कर चुके हैं और जुलाई में पाकिस्तान को अध्यक्षता मिली है।
पाकिस्तान के बाद कौन-कौन से देश करेंगे अध्यक्षता?
इस साल पाकिस्तान के बाद सितंबर में कोरिया, अक्टूबर में रूस, नवंबर में सिएरा लियोन, दिसंबर में स्लोवेनिया अध्यक्षता करेंगे।
भारत सक्रिय रूप से शामिल क्यों नहीं?
हाल के कुछ सालों में यूएनएससी की संरचना और प्रभावशीलता की आलोचना तेज हो गई है। जबकि आखिरी संरचनात्मक सुधार 1965 में हुआ था। कई लोग तर्क देते हैं कि परिषद अब आज की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करती है। भारत, ब्राजील, जर्मनी, जापान, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका जैसी वैश्विक शक्तियां लंबे समय से सुरक्षा परिषद को अधिक समावेशी बनाने की मांग कर रही हैं, फिर वो स्थायी सीटों के जरिए से हो या निर्वाचित सदस्यता में विस्तार के जरिए से।
Source:
- संयुक्त राष्ट्र (United Nations):
- https://main.un.org/securitycouncil/en
- वर्ष 2025 में किन-किन देशों को मिलेगी अध्यक्षता:
- https://main.un.org/securitycouncil/en/content/presidency
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