Pakistan की सेना और ISI पर आतंकवादियों से सांठगांठ का आरोप, आतंकियों को पाक में बसाना चाहते थे फैज और बाजवा
पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री रियाज पीरजादा ने खुलासा करते हुए कहा कि आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ...और पढ़ें
इस्लामाबाद (पीटीआई)। पाकिस्तान में राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर ऐसे मुकाम पर पहुंच गया हैं जहां पाकिस्तान की सेना आतंकवादियों से सांठगांठ के आरोपों के कठघरे में है। भारत तो दुनिया से कहता रहा है कि आईएसआई आतंकवाद को संरक्षण और प्रोत्साहन देती है, अब पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्री रियाज पीरजादा ने इस पर मुहर लगा दी है।
TTP सदस्यों को पाक लाने की थी योजना
बता दें कि पीरजादा ने रविवार को सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि आईएसआई के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के सदस्यों को वापस पाकिस्तान लाना चाहते थे लेकिन यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई।
टीटीपी के समर्थन में खड़े थे सेना और आईएसआई के प्रमुख
पाकिस्तानी समाचार समूह डॉन न्यूज के एक कार्यक्रम में पीरजादा ने दावा किया कि आईएसआई प्रमुख जनरल फैज ने गोपनीय ब्रीफिंग में सुझाव दिया कि टीटीपी सदस्यों को वापस पाकिस्तान लाया जाए। उनका सुझाव था कि टीटीपी को मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए लेकिन देश के लिए इसके नतीजे बुरे रहे। दिलचस्प है कि पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार में मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने एक दिन पहले ही दावा किया था कि पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा टीटीपी के परिजनों को फिर से पाकिस्तान में बसाना चाहते हैं।
पाकिस्तान में बढ़ी आतंकवादी घटनाएं
पाकिस्तान में आतंकवाद में पाकिस्तानी सेना की भूमिका पर नेताओं के बीच आरोपों-प्रत्यारोपों की झड़ी ऐसे समय में आई है जब देश भर में आतंकवादी गतिविधियों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। शुक्रवार को आतंकवादियों ने कराची पुलिस प्रमुख के कार्यालय पर हमला किया। इससे पहले 30 जनवरी को तालिबान के आत्मघाती हमलावर ने पेशावर की मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान खुद को उड़ा लिया। इस हमले में 101 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए। पिछले वर्ष नवंबर में टीटीपी ने जून 2022 में सरकार से हुए संघर्ष विराम को खत्म करके पाकिस्तान पर हमले शुरु कर दिए।

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