पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का दुस्साहस भरा बयान, 'भारत को जल युद्ध में हराएंगे, जानबूझकर चिनाब का पानी कंट्रोल कर रहा’
पाकिस्तान ने भारत के हाथों न जाने कितनी बार मुंह की खाई है लेकिन अपनी करतूत और गीदड़भभकी से कभी बाज नहीं आता है। वहीं एक बार फिर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बयान दिया है कि जिसमें कहा गया है कि इस्लामाबाद जल युद्ध में भारत को हराएगा उनका इशारा सिंधु जल संधि को लेकर था। आगे बोले भारत चिनाब का पानी जानबूझकर कंट्रोल कर रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारत के हाथों न जाने कितनी बार मुंह की खाई है लेकिन अपनी करतूत और गीदड़भभकी से कभी बाज नहीं आता है। वहीं, एक बार फिर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बयान दिया है कि जिसमें कहा गया है कि इस्लामाबाद जल युद्ध में भारत को हराएगा, उनका इशारा सिंधु जल संधि को लेकर था।
भारत चिनाब का पानी जानबूझकर कंट्रोल कर रहा है- ख्वाजा आसिफ
उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि भारत चिनाब का पानी जानबूझकर कंट्रोल कर रहा है। नदी में पानी का प्रवाह जितना होना चाहिए, उससे काफी कम है। उन्होंने कहा कि भारत पारंपरिक युद्ध में पराजित हुआ था, और अब हम उसे जल युद्ध में भी हराएंगे।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान चिनाब नदी में पानी के कम प्रवाह और हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों पक्षों के बीच आधिकारिक बातचीत पूरी से बंद है।
"The flow of water in the Chenab River is significantly lower than it should be, suggesting deliberate actions by India to restrict Pakistan’s water rights. “India was defeated in a conventional war, and now we will defeat it in the water war as well & he is not aware of any back… pic.twitter.com/fzJkgqr6mW
— OsintTV 📺 (@OsintTV) June 7, 2025
इस्लामाबाद ने भारत को भेजे हैं कई पत्र
उन्होंने भारत के साथ किसी भी तरह की बैक-चैनल बातचीत से भी इनकार किया, जिससे पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति में अनिश्चितता की एक और परत जुड़ गई। इस बीच, इस्लामाबाद ने नई दिल्ली को कई औपचारिक पत्र भेजकर इस निर्णय की समीक्षा करने को कहा है।
जल संसाधन सचिव ने चार भेजा पत्र
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को चार बार पत्र लिखा - जिनमें से तीन ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिखे गए - जिसमें संधि निलंबन पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया।
भारत ने जारी किया बयान
हालांकि, भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। 24 अप्रैल को, उसने औपचारिक रूप से पाकिस्तान को सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के अपने फैसले की जानकारी दी। भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने लिखा कि सद्भावना के साथ संधि का सम्मान करना संधि का मूल आधार है। हालांकि, हमने इसके बजाय पाकिस्तान द्वारा भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को निशाना बनाकर सीमा पार आतंकवाद को जारी रखा है।
पाकिस्तान की ओर से बार-बार संपर्क करने के बावजूद भारत अपनी बात पर अड़ा हुआ है। 29 अप्रैल को एक अधिकारी ने दोहराया कि जब तक पाकिस्तान “विश्वसनीय रूप से और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद का त्याग नहीं करता” तब तक कोई चर्चा नहीं होगी।
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