'हमारी जमीन 25 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए...', अफगानिस्तान के हमलों से बौखलाए ख्वाजा आसिफ
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान को सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी 25 करोड़ जनता की रक्षा करने में सक्षम है। आसिफ ने अफगानिस्तान पर आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया और कहा कि अगर हमले जारी रहे, तो पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा और जवाबी कार्रवाई करेगा। उन्होंने सीमा पर बढ़ते तनाव को लेकर चिंता जताई।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ।- फाइल फोटो
डिडिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच विवाद चरम पर है। सीजफायर के बावजूद सीमा पर संघर्ष जारी है। इस बीच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अब पुराने रिश्तों का दौर खत्म हो गया है। पाकिस्तान की जमीन 25 करोड़ पाकिस्तानियों की है। ऐसे में पाक की धरती पर रहने वाले अफगानिस्तानियों को अब वापस जाना होगा।
दरअसल, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि पाकिस्तानी धरती पर रहने वाले सभी अफगानों को अपने वतन लौटना होगा। अब काबुल में उनकी अपनी सरकार, अपनी खिलाफत है। हमारी जमीन और संसाधन 25 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए है।
अफगानी क्रिकेटरों की मौत
गौरतलब है कि पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ की अफगान के खिलाफ यह टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है, जब दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है। 48 घंटे के सीजफायर के बाद दोनों देशों में शुक्रवार को इसे आगे बढ़ाने की सहमति बनी। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान कायराना हरकत करते हुए पक्तिका प्रांत के कई जिलों में एयर स्ट्राइक की। इस हमले में तीन अफगानिस्तानी क्रिकेटरों की मौत हो गई।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी हवाई हमलों के बाद, एक वरिष्ठ तालिबान अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम "टूट" गया है। तालिबान ने कहा है कि इस्लामाबाद ने डूरंड रेखा से लगे पक्तिका प्रांत के कई जिलों में हवाई हमले किए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों पक्ष समाधान खोजने के लिए दोहा में बैठक कर सकते हैं।
आसिफ ने लिखा कि पाकिस्तान अब काबुल के साथ पहले जैसे संबंध बनाए रखने का जोखिम नहीं उठा सकता। इस्लामाबाद ने ‘‘वर्षों तक धैर्य’’ बनाए रखा, लेकिन अफगानिस्तान से उसे कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।
चुकानी होगी भारी कीमत
मंत्री ने खुलासा किया कि पाकिस्तान ने सीमा पार से लगातार हो रही आतंकी घटनाओं को लेकर अफगानिस्तान को 836 विरोध पत्र और 13 डेमार्श भेजे हैं। उन्होंने कहा, "अब कोई विरोध पत्र या शांति की अपील नहीं होगी; कोई भी प्रतिनिधिमंडल काबुल नहीं जाएगा। आतंकवाद का स्रोत चाहे कहीं भी हो, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"
भारत पर भी लगाया आरोप
आसिफ ने काबुल में तालिबान सरकार पर “भारत के प्रतिनिधि” के रूप में काम करने और नई दिल्ली और प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ गठबंधन करके पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचने का भी आरोप लगाया।उन्होंने कहा, "काबुल के शासक, जो अब भारत की गोद में बैठे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं, कभी हमारी सुरक्षा में थे, हमारी जमीन पर छिपे हुए थे।"
आसिफ ने दी चेतावनी
पाकिस्तान की अपनी रक्षा के लिए तत्परता दोहराते हुए, आसिफ ने चेतावनी दी कि सीमा पार से किसी भी आक्रमण का कड़ा जवाब दिया जाएगा। इस हफ़्ते की शुरुआत में, उन्होंने कहा था कि अगर अफगान तालिबान संघर्ष चाहता है, तो पाकिस्तान उसकी "युद्ध की इच्छा" पूरी करने के लिए तैयार है।
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