कारगिल प्रकरण से ही मुशर्रफ और शरीफ के बीच पैदा हुआ टकराव, नवाज ने की थी खुद को पाक-साफ दिखाने की कोशिश
परवेज मुशर्रफ ने अपनी किताब इन द लाइन ऑफ फायर ए मेमायर में कारगिल युद्ध के बारे में लिखा है कि सेना द्वारा नवाज शरीफ के खिलाफ अभियान छेड़े जाने से पहले मैं केवल एक साल के लिए सेना प्रमुख था।
इस्लामाबाद, पीटीआई। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध ही जनरल परवेज मुशर्रफ और तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ के बीच दरार पैदा होने का कारण बना था, क्योंकि उन्होंने (शरीफ ने) खुद को पाक-साफ दिखाने के लिए इसके बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से इनकार कर दिया था। पूर्व सैन्य शासक द्वारा लिखित किताब से यह जानकारी दी गई है।
'नवाज के साथ बेहतर थे कामकाजी संबंध'
मुशर्रफ ने अपनी किताब 'इन द लाइन ऑफ फायर: ए मेमायर' में कारगिल युद्ध के बारे में लिखा है कि सेना द्वारा नवाज शरीफ के खिलाफ अभियान छेड़े जाने से पहले मैं केवल एक साल के लिए सेना प्रमुख था। दो प्रमुख जनरल की बर्खास्तगी, दो लेफ्टिनेंट जनरल की नियुक्ति और राजद्रोह के लिए एक पत्रकार का कोर्ट-मार्शल करने के अनुरोध पर कुछ असहमति को छोड़कर शुरुआत में उनके साथ मेरे कामकाजी संबंध बहुत बेहतर थे।
'कारगिल प्रकरण ने पैदा किया विभाजन'
किताब के अनुसार, कारगिल प्रकरण ने सबसे बड़ा विभाजन पैदा किया। हम दोनों राजनीतिक और सैन्य रूप से कश्मीर को दुनिया की नजरों में मजबूती के साथ लाना चाहते थे। कारगिल प्रकरण से ऐसा (संभव) हो पाया था। राष्ट्रीय एकजुटता दिखाने के बजाय शरीफ ने सेना को दोषी ठहराया और खुद को पाक-साफ दिखाने की कोशिश की।
परवेज मुशर्रफ का निधन
परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के चलते रविवार को निधन हो गया है। उन्होंने दुबई के एक अस्पताल में 79 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। पूर्व सैन्य शासक का दुबई के एक अमेरिकी अस्पताल में बीमारी का इलाज चल रहा था। मुशर्रफ 2016 से दुबई में रह रहे थे।
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