Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    JeM प्रमुख मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का एक और प्रयास, फिर मुश्किल में पाक

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Wed, 20 Mar 2019 06:17 PM (IST)

    UNSC में चीन ने मसूद को बचा लिया लेकिन अब EU में उसके खिलाफ प्रस्ताव आने से एक बार फिर पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कई देश मसूद पर पहले ही प्रति ...और पढ़ें

    Hero Image
    JeM प्रमुख मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का एक और प्रयास, फिर मुश्किल में पाक

    नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पाकिस्तान से आतंकी गतिविधयां संचालित करने वाले जैश-ए-मुहम्मद (Jaish-E-Mohammed) सरगना मसूद अजहर पर लगातार शिकंजा कस रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) पहले ही उसे वैश्विक आतंकी घोषित करने के पक्ष में है। अब यूरोपीयन यूनियन (EU) में भी मसूद को आतंकी घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यूरोपीय संघ में जर्मनी ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मालूम हो कि 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले (CRPF Convoy) पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की जिम्मेदारी पाक से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैशे-ए-मुहम्मद (JeM) ने ली थी, जिसका मुखिया मसूद अजहर है। इसके बाद भारत ने कूटनीतिक तरीके से पाकिस्तान को घेरने और मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहल की।

    यूरोपीय यूनियन पाकिस्तान को आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले देशों की सूची में पहले ही शामिल कर चुका है। यूरोपीय यूनियन ने ये फैसला, पुलवामा आतंकी हमले के ठीक एक दिन पहले लिया था। यूरोपीय यूनियन के हाई रिस्क वाले देशों की सूची में शामिल होने से पाकिस्तान के वित्तीय लेनदेन पर, सदस्य राष्ट्र और संघ के अंतर्गत आने वाले बैंक व वित्तीय संस्थान कड़ी नजर रखेंगे। इसका मकसद टैरर फंडिग और मनी लॉड्रिंग को रोकना है।

    चीन ने चौथी बार UNSC में मसूद को बचाया
    भारत की कूटनीति काम आयी और UNSC में फ्रांस, अमेरिका व ब्रिटेन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, जैसी आशंका थी चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर मसूद के खिलाफ UNSC में आए इस प्रस्ताव को टेक्निकल होल्ड पर कर दिया है। ये चौथी बार है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव लाया गया था। इस बार पाकिस्तान का पक्ष लेते हुए मसूद अजहर को बचाने के कारण चीन भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अलग-थलग पड़ता नजर आ रहा है। दरअसल, अमेरिका समेत अन्य देशों ने भी चीन से अनुरोध किया था कि वह मसूद अजहर के खिलाफ UNSC में आए प्रस्ताव का समर्थन कर उसे मंजूरी प्रदान करे, बावजूद ड्रैगन अपनी आदतों से बाज नहीं आया। चीन के इस रुख से भारत समेत दुनिया के कई देश असंतुष्ट हैं।

    सर्वसम्मति से होगा फैसला
    अब यूरोपीय संघ (EU) में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए जर्मनी, सदस्य देशों के संपर्क में है। जर्मनी अगर यूरोपीय संघ में मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित कराने में सफल होता है तो EU के सदस्य 28 देशों में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लग जाएगा। हालांकि, ये तभी संभव होगा जब यूरोपीय संघ के सभी 28 देश जर्मनी के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दें। यूरोपीय यूनियन में इस तरह के मामलों पर सर्वसम्मति से फैसला लिया जाता है।

    EU में आतंकी घोषित होने पर ये होगा असर
    इसके बाद मसूद अजहर इन 28 देशों में कोई यात्रा नहीं कर सकता है और उन देशों में अगर उसकी या उसके संगठन की कोई संपत्ति होगी, तो संबंधित देश की सरकार द्वारा उसे भी जब्त कर लिया जाएगा। जर्मनी के अनुसार उसका प्रयास है कि सभी 28 देश अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। अगर ऐसा होता है तो ये भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत साबित होगी।

    कई देशों में प्रतिबंधित हो चुका है मसूद
    फ्रांस भी 15 मार्च 2019 को जैश-ए-मुहम्मद को प्रतिबंधित कर मसूद को आतंकी घोषित कर चुका है। इसके बाद फ्रांस में मसूद अजहर पर आर्थिक प्रतिबंध लग चुका है। फ्रांस ने भी अन्य देशों से जैश-ए-मुहम्मद को प्रतिबंधित करने की अपील की है। फ्रांस EU में मसूद के खिलाफ जर्मनी द्वारा लाए गए प्रस्ताव के समर्थन में है। इससे पाकिस्तान और मसूद अजहर पर शिकंजा और कस चुका है। मालूम हो कि अमेरिका समेत कुछ और देश पहले ही जैश-ए-मुहम्मद को प्रतिबंधित कर मसूद अजहर को आतंकी घोषित कर चुके हैं।

    आतंकवाद को लेकर भारत सख्त
    पुलवामा हमले के बाद से आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। पाकिस्तान के बार-बार बात करने के प्रयासों पर भारत कई बार स्पष्ट कर चुका है कि आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा। मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने ये बात दोहराई है। सीआरपीएफ के 80वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में उन्होंने कहा ‘पुलवामा में हुए आतंकी हमले को भारत न तो भूला है और न ही कभी भूलेगा। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि देश का नेतृत्व इस तरह के आतंकी हमलों से और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों से कारगर तरीके से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है।’

    अब पाक के बचाव में उतरा ड्रैगन
    पाकिस्तान और चीन की फितरत लगभग एक जैसी है। आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान पूरी दुनिया में घिरा हुआ और अलग-थलग पड़ा है, बावजूद चीन उसके साथ याराना निभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में मसूद को बचा चुका चीन, अब पाकिस्तान के बचाव में खुलकर उतर आया है। चीन ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए आतंकी हमले को लेकर कोई भी देश पाकिस्तान पर निशाना ना साधे।

    इतना ही नहीं चीन ने ये भी कहा है कि वह संकट के समय पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा और पूरी मजबूत से उसका समर्थन करेगा। मंगलवार को ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बीजिंग में मुलाकात की थी। इस दौरान पुलवामा हमला और मसूद अजहर के मुद्दे पर भी दोनों देशों ने चर्चा की। बताया जा रहा है कि इस दौरान महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान पहले भी और अब भी भारत से संबंध अच्छे करना चाहता है और संवाद के लिए तैयार है।

    यह भी पढ़ें-
    Venezuela Crisis: खाने-पीने की चीजों के बाद अब बूंद-बूंद पानी को तरस रहे लोग
    भारत को 59 साल लगे पहला लोकपाल बनाने में, दुनिया में 210 साल पुराना है यह कानून