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    Toshakhana Case: इमरान खान और बुशरा बीबी की जमानत याचिकाओं पर NAB को जारी हुआ नोटिस, इस्लामाबाद HC ने मांगा जवाब

    इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने गुरुवार को नए तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर NAB को नोटिस जारी किया है। वहीं इद्दत मामले में बरी होने के बाद हिरासत में लिए गए इमरान खान और बुशरा बीबी ने याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें अवैध रूप से एनएबी की हिरासत में रखा गया था।

    By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Fri, 02 Aug 2024 12:53 PM (IST)
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    इस्लामाबाद HC ने NAB को जारी किया नोटिस (फाइल फोटो)

    एएनआई, इस्लामाबाद (पाकिस्तान)। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने गुरुवार को नए तोशाखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी द्वारा दायर जमानत याचिकाओं पर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (National Accountability Bureau) को नोटिस जारी किया है। इसकी जानकारी पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट में दी गई है।

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    इद्दत मामले में बरी होने के बाद हिरासत में लिए गए इमरान खान और बुशरा बीबी ने याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें अवैध रूप से एनएबी की हिरासत में रखा गया था, जिससे उनकी स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार प्रभावित हुए हैं।

    25 जुलाई को हुई थी याचिका पर सुनवाई

    डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में, इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक और न्यायमूर्ति समन रफत इम्तियाज की खंडपीठ ने 25 जुलाई को दंपति की याचिका पर सुनवाई की।

    हालांकि, इमरान खान के वकील ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक से खुद को इस मामले से अलग करने का अनुरोध किया।

    उन्होंने कहा कि फारूक को इस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि खान ने उनके खिलाफ सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल (एसजेसी) में शिकायत दर्ज कराई है। वकील ने मामले को दूसरी बेंच को सौंपने की मांग की।

    हालांकि फारूक ने सुनवाई से अलग होने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, लेकिन उन्हें एक नई पीठ का गठन करना पड़ा क्योंकि न्यायमूर्ति इम्तियाज गर्मी की छुट्टियों पर चले गए थे और पिछली पीठ भंग हो गई थी।

    मामले को न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब और अरबाब मुहम्मद ताहिर की एक अलग खंडपीठ में स्थानांतरित कर दिया गया है।

    बुशरा बीबी की याचिका पर आपत्ति खारिज

    इस बीच, डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर उच्च न्यायालय (एलएचसी) के न्यायाधीश सैयद शाहबाज अली रिजवी ने गुरुवार को तीसरे तोशाखाना मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ बुशरा बीबी की याचिका पर आपत्ति को खारिज कर दिया।

    न्यायाधीश ने याचिका की स्वीकार्यता पर रजिस्ट्रार कार्यालय की आपत्ति को हटा दिया और आदेश दिया कि इसे सुनवाई के लिए तय किया जाए। बुशरा बीबी ने अधिवक्ता सरदार लतीफ खोसा के माध्यम से याचिका दायर की।

    डॉन ने बताया कि याचिका में कहा गया कि बुशरा बीबी और उनके पति को तोशाखाना मामले में जमानत मिल गई थी। लेकिन, उन्हें दुर्भावनापूर्ण इरादे से एक नए मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।

    इसमें दावा किया गया है कि रावलपिंडी की अदियाला जेल में गिरफ्तारी के दौरान महिला अधिकारियों ने याचिकाकर्ता पर हमला किया और उसे अपमानित किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे एनएबी के वारंट के बिना गिरफ्तार किया गया और राजनीतिक उत्पीड़न के तहत उसे जेल में डाला गया।

    याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया कि याचिकाकर्ता पर कथित हमले में शामिल जेल अधीक्षक और महिला अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए तथा बुशरा बीबी की गिरफ्तारी को अवैध घोषित किया जाए।

    2023 से जेल में बंद हैं इमरान खान

    इमरान खान (71), जिन्होंने 2018 से 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया, अगस्त 2023 से अदियाला जेल में बंद हैं, उन पर तोशाखाना मामला, सिफर मामला और गैरकानूनी विवाह मामला सहित कई आरोप हैं। उनकी पत्नी भी कई महीनों तक जेल में रही हैं।

    जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एक अदालत ने तोशाखाना मामले में उनकी सजी को निलंबित कर दिया है और अन्य अदालतों ने क्रमशः साइफर और इद्दत मामलों में उनकी सजा को पलट दिया है।

    हालाँकि, इमरान खान और उनकी पत्नी की रिहाई की उम्मीदें तब धराशायी हो गईं जब एनएबी ने उन्हें सरकारी उपहारों की बिक्री से संबंधित नए आरोपों में गिरफ्तार कर लिया।

    जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इद्दत मामले में बरी होने के बाद 9 मई, 2023 के दंगों से जुड़े नए मामलों में गिरफ्तारी के बाद इमरान खान की जेल से रिहाई की संभावना और कम हो गई है।

    9 मई, 2023 को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई कार्यकर्ताओं में गुस्सा था, जिसके चलते दूरदराज और प्रमुख शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए।

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