बांग्लादेश को भारत के खिलाफ धुरी बनाने में जुटा पाकिस्तान, तुर्किए के साथ मिलकर ISI कर रही टेरर फंडिंग
बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव के बाद पाकिस्तान ISI के माध्यम से उसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की साजिश रच रहा है। ISI तुर्किये के साथ मिलकर बांग्लादेश में टेरर फंडिंग और हथियारों की आपूर्ति करने की फिराक में है ताकि कट्टरपंथी भावनाओं को भड़काया जा सके। यूनुस को अंतरिम सरकार का केयरटेकर बनाए जाने से भारत और बांग्लादेश के बीच भरोसे का संकट बढ़ गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने और मोहम्मद यूनुस की देखरेख में अंतरिम सरकार के गठन के बाद से पाकिस्तान लगातार बांग्लादेश को अपने जाल में फंसाने की साजिशों में लगा है। वह बांग्लादेश को भारत के खिलाफ मुहिम में धुरी बनाने की फिराक में है और इस काम में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI जी-जान से जुटी हुई है।
ISI बांग्लादेश और तुर्किये को करीब लाने की भरसक कोशिश कर रही है। ISI की योजना है कि तुर्किये के जरिये बांग्लादेश में टेरर फंडिंग और हथियारों की आपूर्ति कराई जाए ताकि भारत के खिलाफ कट्टरपंथी भावनाएं भड़काकर देश में अस्थिरता फैलाई जा सके।
ISI को लगता है कि बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाएं भड़काकर उसे दक्षिण एशिया के अन्य मुस्लिम बहुल देशों का भी समर्थन मिल सकेगा।
भारतीय एजेंसियों का दावा है कि तुर्किये से हथियार खरीदने के मामले में बांग्लादेश चौथे नंबर पर पहुंच गया है। ये चिंताजनक है क्योंकि इनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ हो सकता है। जमात और ISI इसी साजिश में जुटे हैं। हालांकि, भारत के पास किसी भी तरह की आक्रामकता से निपटने का माद्दा है।
भारत-बांग्लादेश के बीच बढ़ा भरोसे का संकट
यूनुस को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का केयरटेकर बनाए जाने के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच भरोसे का संकट बढ़ गया है। यूनुस ने इसके लिए केवल एक तर्क दिया कि भारत ने शेख हसीना को पनाह दे रखी है।
ISI जमात ए इस्लामी संगठन के जरिये यूनुस को नियंत्रित कर रही है। बांग्लादेश के मामलों में तुर्किये का शामिल होना बड़ी चिंता की वजह है। तुर्किये पाकिस्तान का समर्थक होने के साथ-साथ रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे को लेकर बीच-बीच में बांग्लादेश का भी साथ देता रहा है।
कट्टरपंथी संगठनों को तुर्किये से समर्थन की आस
पहलगाम हमले के बावजूद तुर्किये ने पाकिस्तान का ही साथ दिया था। भारतीय सशस्त्र बलों ने जब ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पहलगाम हमले का बदला लिया, तब तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। इससे बांग्लादेश के कट्टरपंथी तत्वों को भी लगने लगा है कि अगर वे आतंकी हमलों के जरिये भारत को उकसा सकें, तो उनको भी पाकिस्तान की तरह तुर्किये का समर्थन मिल सकता है।
ऐसा भांपते हुए अंसारुल्ला बांग्ला टीम, जमात उल मुजाहिदीन और हरकत उल जिहाद इस्लामी बांग्लादेश ने सिर उठाना शुरू कर दिया है।
बांग्लादेश को ड्रोन और राकेट सिस्टम दे रहा तुर्किये
तुर्किये की रक्षा उद्योग एजेंसी के प्रमुख हालुक गोरगन के नेतृत्व में तुर्किये के प्रतिनिधिमंडल ने यूनुस और बांग्लादेश सैन्य बल के प्रमुखों से मुलाकात करके दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों के संकेत दिए। इस मुलाकात में दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग और हथियारों की खरीद पर चर्चा की।
इसमें बेयरक्तार टीबी-2 ड्रोन, टीआरजी-300 राकेट सिस्टम, आर्टिलरी शेल, इंफैंट्री राइफल और मशीन गन की खरीद को लेकर भी बात हुई। साथ ही, तुर्किये ने नारायणगंज और चिटगांव में दो डिफेंस काम्प्लेक्स निर्माण का भी आश्वासन दिया। इन घटनाक्रमों ने बांग्लादेश के आतंकी संगठनों के हौसले बढ़ा दिए हैं।
(समाचार एजेंसी IANS इनपुट के साथ)
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