सिंधु जल संधि के लिए गिड़गिड़ाता रहा पाकिस्तान, लेकिन भारत ने नहीं मानी बात; अब शहबाज सरकार ने लिया ये फैसला
पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को स्थगित करने से पाकिस्तान में पानी की कमी हो गई है। भारत के सख्त रुख के कारण पाकिस्तान जल भंडारण क्षमता बढ़ाने पर मजबूर है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि सरकार डायमर भाषा बांध और अन्य संसाधनों का उपयोग करके जल भंडारण क्षमता का निर्माण करेगी।
पीटीआई, नई दिल्ली। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान में पेयजल से लेकर सिंचाई तक के लिए पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
काफी गिड़गिड़ाने के बाद भी भारत के रुख में नरमी नहीं आई। भारत के कड़े रुख के चलते पाकिस्तान को जल भंडारण क्षमता को बढ़ाने का फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि देश अपनी भंडारण क्षमता बढ़ाने पर जोर देगा।
जल भंडारण बनाएगा पाकिस्तान
पड़ोसी देश का कृषि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों पर निर्भर है और पानी को मोड़ने या यहां तक कि इसे अस्थायी रूप से रोकने का कोई भी प्रयास पाकिस्तान के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। पाकिस्तान के अनुसार प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने मंगलवार को नेशनल इमर्जेंसीज ऑपरेशंस सेंटर के दौरे के दौरान जल मुद्दे पर बात की।
शरीफ ने कहा कि भारत जल संधि के खिलाफ कदम उठाना चाहता है। यही कारण है कि सरकार ने फैसला लिया है कि वह अपना जल भंडारण बनाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार डायमर भाषा बांध और अन्य संसाधनों का उपयोग करके गैर-विवादास्पद जल भंडारण क्षमता का निर्माण करेगी।
हम अगले कुछ वर्षों में अपने स्वयं के संसाधनों के साथ इस क्षमता का निर्माण करेंगे। इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका है।
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