India Pakistan Conflict: दो दिन में रोने लगा 'आतंकिस्तान', अपने आकाओं से वित्तीय मदद की गुहार लगाने लगा पाकिस्तान
आईएमएफ (Pakistan IMF Loan) ने पिछले साल पाकिस्तान को सात अरब डालर के पैकेज की मंजूरी दी थी और इस पैकेज के तहत 1.3 अरब डॉलर के लोन की मंजूरी के लिए शुक्रवार को आईएमएफ की बैठक में फैसला किया जाना है। भारत इसका विरोध करेगा। पाकिस्तान का कहना है कि उसके पास फंड (Pakistan World Bank Loan) की कमी हो गई है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत के साथ सिर्फ दो दिनों की लड़ाई (India Pakistan Conflict) में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। पाकिस्तान के आर्थिक मामले का विभाग अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय से वित्तीय मदद की गुहार लगा रहा है।
विभाग ने सोशल मीडिया पर कहा है कि युद्ध की वजह से पाकिस्तान आर्थिक दबाव में आ गया है और सहयोगी देश उन्हें यथासंभव मदद करें। पाकिस्तान पिछले कुछ सालों से पहले से ही विश्व बैंक व अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (Pakistan IMF Loan) की मेहरबानी पर चल रहा है।
10.33 अरब डॉलर का मुद्रा भंडार
- पाकिस्तान की कंगाली का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पिछले सप्ताह तक पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा का भंडार सिर्फ 10.33 अरब डॉलर का था जबकि भारत के पास पिछले सप्ताह तक 686 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा का भंडार मौजूद था।
- पहले से ही वित्तीय संकट में घिरे पाकिस्तान के खिलाफ भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहौल तैयार करने लगा है। आईएमएफ में पाकिस्तान को वित्तीय पैकेज (Pakistan World Bank Loan) देने को लेकर शुक्रवार को बैठक होने वाली है और भारत पाकिस्तान को दिए जाने वाले इस पैकेज का विरोध करेगा।
- वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक भारत एक बार फिर से पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची डलवाने का प्रयास शुरू कर चुका है ताकि आने वाले समय में वैश्विक वित्तीय एजेंसियों से पाकिस्तान को मदद नहीं मिल सके।
2018 में ग्रे सूची में था पाकिस्तान
40 सदस्य देशों के समूह वाले एफएटीएफ वैश्विक रूप से वित्तीय निगरानी का काम करता है जिसकी नजर मुख्य रूप से मनी लांड्रिंग, आतंकवाद, ड्रग्स जैसी चीजों पर होने वाले खर्च पर रहती है। पाकिस्तान भारत में आतंकवाद को प्रायोजित करता रहा है और एफएटीएफ के समक्ष इसे साबित करने के बाद ही पाकिस्तान को वर्ष 2018 में एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाल दिया गया था।
हालांकि बाद में अपने सुधार कार्यक्रम को दिखाकर पाकिस्तान वर्ष 2022 में ग्रे सूची से बाहर आ गया है, लेकिन भारत एक बार फिर से पहलगाम हमले के हवाले से आतंकवाद को प्रायोजित करने में पाकिस्तान के हाथ को साबित करने की पूरी कोशिश करेगा। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले 15 दिनों से इसकी भूमिका बना रहा है।
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