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Imran Khan: चुनाव आयोग के अवमानना नोटिस पर इमरान खान का फूटा गुस्सा, कोर्ट में दायर की याचिका

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए है कि अदालती कार्यवाही की अवमानना करना सिर्फ न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में हैं। कुछ दिनों पहले पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने उनके और उनके करीबी सहयोगी फवाद चौधरी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaPublished: Wed, 05 Oct 2022 07:54 PM (IST)Updated: Wed, 05 Oct 2022 07:54 PM (IST)
Imran Khan: चुनाव आयोग के अवमानना नोटिस पर इमरान खान का फूटा गुस्सा, कोर्ट में दायर की याचिका
चुनाव आयोग के अवमानना नोटिस पर इमरान खान का फूटा गुस्सा। (फाइल फोटो)

इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोर्ट में एक याचिका दायर कर कहा है कि अदालती कार्यवाही की अवमानना करना सिर्फ न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में हैं। स्थानीय मीडिया ने यह जानकारी दी है। मालूम हो कि पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने उनके और उनके करीबी सहयोगी फवाद चौधरी के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया था। चुनाव आयोग ने इससे पहले दोनों नेताओं के खिलाफ पाकिस्तानी चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा सहित चुनाव आयोग के अन्य सदस्यों के खिलाफ आरोप लगाने के लिए अवमानना का नोटिस जारी किया था।

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लाहौर उच्च न्यायालय ने सुनवाई के लिए पीठ का किया गठन

पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि इमरान खान और फवाद चौधरी की याचिका पर सुनवाई के लिए लाहौर उच्च न्यायालय (LHC) के मुख्य न्यायाधीश अमीर भट्टी ने बुधवार को एक पीठ का गठन किया। तीन सदस्यीय बड़ी बेंच में जस्टिस सदाकत अली खान, जस्टिस मिर्जा वकास रऊफ और जस्टिस जवाद-उल-हसन शामिल हैं। मालूम हो कि पीठ इमरान की याचिका पर गुरुवार दोपहर एक बजे सुनवाई करेगी।

पीठ ने जारी किया नोटिस

याचिका में पूर्व पीएम खान ने यह तर्क दिया कि ECP द्वारा दोनों नेताओं को जारी अवमानना नोटिस को रद किया जाना चाहिए। पीठ ने बाद में पीटीआइ प्रमुख इमरान खान, फवाद चौधरी, डिप्टी अटॉर्नी जनरल और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दिया।

सीईसी को हटाने का किया था अनुरोध

पाकिस्तानी अखबार डान के मुताबिक, इमरान खान ने मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा के खिलाफ सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल के समक्ष एक संदर्भ दिया था, जिसमें उन्होंने मुख्य सीईसी को हटाने के लिए निवेदन किया था। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिबंधित फंडिंग मामले में फैसले की घोषणा करने के लिए उनपर दबाव डालने के मकसद से कथित तौर पर सीईसी और चार अन्य ईसीपी सदस्यों के साथ 29 जुलाई को मुलाकात की थी। मालूम हो कि पीटीआई पर विदेशी कंपनियों से पैसा लेने का आरोप है।

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