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    इमरान खान का पाक की शहबाज सरकार पर हमला, पत्रकार अरशद शरीफ की मौत को बताया ‘टारगेट किलिंग’

    By AgencyEdited By: Amit Singh
    Updated: Wed, 26 Oct 2022 01:07 AM (IST)

    पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पत्रकार अरशद शरीफ की मौत को लेकर शहबज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने शरीफ की मौत को टारगेट किलिंग बताया है। एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में इमरान खान ने पत्रकार अरशद शरीफ को शहीद का दर्जा दिया।

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    इमरान खान का पाक की शहबाज सरकार पर हमला

    इस्लामाबाद, एएनआई: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पत्रकार अरशद शरीफ की मौत को लेकर शहबज सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने शरीफ की मौत को टारगेट किलिंग बताया है। एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में इमरान खान ने पत्रकार अरशद शरीफ को शहीद का दर्जा दिया।

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    यह भी पढ़े: Imran Khan Toshakhana Case: इमरान खान को हाईकोर्ट से राहत, चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं

    सभा के दौरान दी श्रद्धांजलि

    पेशावर में वकीलों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए इमरान ने शरीफ को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि, एक बहादुर देशभक्त जिसने कभी अपने विवेक से समझौता नहीं किया। इमरान खान ने कहा कि शरीफ हमेशा न्याय, सच्चाई और पाकिस्तान के हितों के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा कि उन्हें खुद कई मौकों पर उनसे से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

    इमरान को हाई कोर्ट से राहत

    इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान खान को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को पलटते हुए कहा कि इमरान खान भविष्य में चुनाव लड़ सकते हैं। 70 वर्षीय खान को पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने तोशाखाना मामले में अपनी संपत्ति छिपाने के लिए शुक्रवार को अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके एक दिन बाद उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में फैसले को चुनौती दी, जिसपर कोर्ट ने अपनी टिप्पणी की।

    भविष्य में होने वाले चुनाव लड़ेंगे इमरान

    इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने कहा कि खान को भविष्य के चुनाव लड़ने से नहीं रोका गया है, इसलिए वह 30 अक्टूबर को खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में होने वाले चुनाव में लड़ने के योग्य हैं। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इमरान खान उस चुनाव के लिए अयोग्य नहीं हैं, सभी के लिए एक मानक होना चाहिए। जब खान के वकील बैरिस्टर अली जफर ने आईएचसी रजिस्ट्रार द्वारा प्रशासनिक आपत्तियों के बावजूद सुनवाई शुरू करने के लिए दबाव डाला तो कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है।