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Imran Khan Toshakhana Case: इमरान खान को हाईकोर्ट से राहत, चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं

हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को पलटते हुए कहा कि इमरान खान भविष्य में चुनाव लड़ सकते हैं। 70 वर्षीय खान को पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने तोशाखाना मामले में अपनी संपत्ति छिपाने के लिए शुक्रवार को अयोग्य घोषित कर दिया था।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaPublished: Tue, 25 Oct 2022 01:07 AM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2022 05:53 AM (IST)
Imran Khan Toshakhana Case: इमरान खान को हाईकोर्ट से राहत, चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं
इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत।

इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान के इस्लामाबाद हाईकोर्ट (IHC) ने पूर्व पीएम इमरान खान को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को पलटते हुए कहा कि इमरान खान भविष्य में चुनाव लड़ सकते हैं। 70 वर्षीय खान को पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने तोशाखाना मामले में अपनी संपत्ति छिपाने के लिए शुक्रवार को अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके एक दिन बाद उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में फैसले को चुनौती दी, जिसपर कोर्ट ने अपनी टिप्पणी की।

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आगामी चुनाव लड़ने के योग्य

इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह ने कहा कि खान को भविष्य के चुनाव लड़ने से नहीं रोका गया है, इसलिए वह 30 अक्टूबर को खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में होने वाले चुनाव में लड़ने के योग्य हैं। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि इमरान खान उस चुनाव के लिए अयोग्य नहीं हैं, सभी के लिए एक मानक होना चाहिए। जब खान के वकील बैरिस्टर अली जफर ने आईएचसी रजिस्ट्रार द्वारा प्रशासनिक आपत्तियों के बावजूद सुनवाई शुरू करने के लिए दबाव डाला तो कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है।

चुनाव आयोग के फैसले पर स्थगन आदेश जारी करने से इनकार

कोर्ट ने इमरान को चुनाव लड़ने की इजाजत देकर राहत तो दी लेकिन न्यायाधीश ने ईसीपी के फैसले पर स्थगन आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि एक बार आपत्तियां दूर होने के बाद ही अदालत याचिका पर दोबारा सुनवाई करेगी। उन्होंने अधिवक्ता को तीन दिनों के भीतर याचिका पर आपत्तियों को दूर करने का भी निर्देश दिया। गौरतलब है कि कोर्ट की यह टिप्पणी तब आई जब खान की अयोग्यता की अवधि को लेकर भ्रम की स्थिति थी और कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि उन्हें पांच साल के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है।

यह है पूरा मामला

बता दें कि ईसीपी के अयोग्य करार का फैसला खान द्वारा राज्य के उपहारों की बिक्री की आय का खुलासा न करने पर आया। इन उपहारों को उन्होंने तोशाखाना से खरीदा था, जो कि कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है और राज्य के उच्च पदाधिकारियों को दिए गए कीमती उपहारों को संग्रहीत करता है।


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