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पाकिस्तान में जबरन मतांतरण के खिलाफ सड़क पर उतरे हिंदू समुदाय, सिंध विधानसभा के बाहर किया प्रदर्शन

हिंदुओं की 12 से 13 वर्ष उम्र की लड़कियों को दिनदहाड़े अगवाकर उन्हें जबरन इस्लाम कबूल कराया जा रहा है। बाद में उनकी शादी बुजुर्ग मुसलमानों से कराया जा रहा है। प्रदर्शन में शामिल लोगों के हाथों में बैनर मौजूद थे।

By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarPublished: Fri, 31 Mar 2023 11:00 PM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:00 PM (IST)
पाकिस्तान में जबरन मतांतरण के खिलाफ सड़क पर उतरे हिंदू समुदाय, सिंध विधानसभा के बाहर किया प्रदर्शन
गुरुवार को बड़ी संख्या में हिंदुओं ने सिंध विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।

कराची, पीटीआइ। पाकिस्तान में जबरन मतांतरण के खिलाफ गुरुवार को बड़ी संख्या में हिंदुओं ने प्रदर्शन किया। पाकिस्तान दारावर इत्तेहाद की ओर से आयोजित प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कराची प्रेस क्लब के सामने और सिंध विधानसभा के प्रवेश द्वार पर शांति पूर्ण प्रदर्शन किया।

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दुर्भाग्यवश उनकी अपील सुनने के लिए विधानसभा से कोई भी प्रतिनिधि बाहर नहीं आया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सिंध प्रांत में रहने वाले हिंदू एक बड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में यह स्थिति और खराब है।

कुछ महीनों में सिंध प्रांत में ऐसे मामलों में वृद्धि दर्ज की गई 

हिंदुओं की 12 से 13 वर्ष उम्र की लड़कियों को दिनदहाड़े अगवाकर उन्हें जबरन इस्लाम कबूल कराया जा रहा है। बाद में उनकी शादी बुजुर्ग मुसलमानों से कराया जा रहा है। प्रदर्शन में शामिल लोगों के हाथों में बैनर मौजूद थे।

वे हिंदू लड़कियों और महिलाओं का जबरन मतांतरण रोकने के लिए रुके हुए बिल को पास करने की अपील कर रहे थे। हाल के कुछ महीनों में सिंध प्रांत में ऐसे मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। निचली अदालतों में इनसे जुड़ी याचिकाओं की बाढ़ सी आ गई है। पीडि़त परिजन मामले में न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

बता दें कि सिंध विधानसभा में 2019 और 2021 में जबरन मतांतरण के खिलाफ बिल लाया गया था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया।-जनवरी 2023 में संयुक्त राष्ट्र के 12 विशेषज्ञों ने पाकिस्तान में बढ़ रहे अपहरण और जबरन मतांतरण कराकर शादी कराने का मुद्दा उठाया था।

पिछले वर्ष 81 हिंदू लड़कियों का जबरन मतांतरण इस्लामाबाद

पाकिस्तान में वर्ष 2022 में जबरन मतांतरण के करीब 124 मामले सामने आए। इनमें 81 हिंदू, 42 ईसाई और एक सिख समुदाय से जुड़े मुद्दे शामिल थे। मानवाधिकार पर नजर रखने वाले एक संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 23 प्रतिशत लड़कियों की उम्र 14 वर्ष से कम थी। 36 प्रतिशत लड़कियां 14 से 18 वर्ष के बीच थीं। व्यस्कों की संख्या 12 प्रतिशत थी। वहीं, 28 प्रतिशत की उम्र का पता नहीं है। जबरन मतांतरण के 65 प्रतिशत मामले सिंध प्रांत में सामने आए थे।


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