सहाबहार दोस्त पाकिस्तान का चीन ने अभी भी नहीं छोड़ा साथ, CPEC के दूसरे चरण की शुरुआत पर बनी सहमति
चीन और पाकिस्तान ने 8.5 अरब अमेरिकी डॉलर के 21 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जिसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना का दूसरा चरण शामिल है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की चीन यात्रा के दौरान ये समझौते हुए जिनमें विज्ञान प्रौद्योगिकी सूचना प्रौद्योगिकी मीडिया निवेश और कृषि जैसे क्षेत्र शामिल हैं। दोनों देश सीपीईसी 2.0 के विकास पर मिलकर काम करने के लिए सहमत हुए हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन भले ही भारत से रिश्ते सुधार रहा है, लेकिन उसने अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान का हाथ नहीं छोड़ा है।
यह इस बात से समझा जा सकता है कि दोनों देशों ने लगभग 8.5 अरब अमेरिकी डालर के 21 समझौतों और संयुक्त उद्यमों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के दूसरे चरण की औपचारिक शुरुआत शामिल है।
शहबाज की यात्रा के आखिरी दिन हुए समझौतों पर हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की चीन यात्रा के अंतिम दिन गुरुवार को बीजिंग में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जहां उन्होंने चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की और एक निवेशक सम्मेलन में भाग लिया।
क्या कहा गया बयान में?
इन समझौतों में सीपीईसी 2.0 के विकास के साथ-साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, मीडिया, निवेश और कृषि जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि ली कियांग के साथ बातचीत के दौरान शहबाज ने बैठक को सबसे अधिक फलदायी बताया।
बयान के अनुसार, ''दोनों पक्ष उन्नत सीपीईसी 2.0 के अगले चरण, जिसमें पांच नए गलियारे शामिल हैं, पर मिलकर काम जारी रखने पर सहमत हुए है।'' भारत सीपीईसी का विरोध करता है क्योंकि यह गुलाम जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरता है। सीपीईसी चीन के शिनजियांग और पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित ग्वादर बंदरगाह को जोड़ेगा।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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