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    चीन या पाकिस्तान... भारत के लिए बड़ा खतरा कौन? सीडीएस अनिल चौहान ने बताया

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 07:54 PM (IST)

    चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान न होना सबसे बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती है। पाकिस्तान का प्रोक्सी वॉर और भारत को कमजोर करने की रणनीति भी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने परमाणु हथियार वाले दुश्मनों से खतरे को भी महत्वपूर्ण बताया।

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    चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को कहा कि चीन के साथ सीमा विवाद का न सुलझना सबसे बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती है, इसके बाद पाकिस्तान का प्रोक्सी वॉर और 'भारत को धीरे-धीरे कमजोर करने की उसकी रणनीति' दूसरी बड़ी चुनौती है।

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    सेना के शीर्ष अधिकारी ने क्षेत्रीय अस्थिरता और इसका भारत पर प्रभाव और तेजी से बदलते चुनौतीपूर्ण माहौल में हाई-टेक उपकरणों वाले भविष्य के युद्ध के हालात से निपटने के लिए आवश्यक तैयारियों को तीसरी और चौथी बड़ी चुनौती के रूप में बताया।

    'परमाणु हथियार रखने वाले दुश्मनों से खतरा'

    उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में सीडीएस ने कहा कि परमाणु हथियार रखने वाले दो दुश्मनों से पैदा होने वाले खतरों से निपटना भारत के सामने एक और बड़ी चुनौती है, क्योंकि उसे किसी भी तरह के पारंपरिक युद्ध के लिए तैयार रहना होगा।

    जनरल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के लिए सशस्त्र बलों को पूरी परिचालन स्वतंत्रता दी गई थी और इसका उद्देश्य केवल पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेना नहीं था, बल्कि सीमा पार आतंकवाद पर एक "लाल रेखा" खींचना भी था।

    'ऑपरेशन सिंदूर में एनएसए ने निभाई अहम भूमिका'

    इस तरह की अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में सीडीएस ने यह भी कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना और कार्यान्वयन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने सेना को मार्गदर्शन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें लक्ष्य का चयन, सैनिकों की तैनाती, तनाव कम करने का ढांचा और कूटनीति का इस्तेमाल शामिल था।

    उन्होंने कहा, "यह ऑपरेशन में भी देखा गया। एनएसए ने जो दिशा-निर्देश दिए उनमें लक्ष्य का चयन, सैनिकों की तैनाती (संख्या और समय के हिसाब से), बिना तनाव बढ़ाए कार्रवाई करना, तनाव कम करने का तरीका और कूटनीति का इस्तेमाल शामिल था।"

    पाकिस्तान को लेकर क्या बोले जनरल?

    हालांकि, उनके भाषण की मुख्य बात भारत के सामने मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर उनका विस्तार से दिया गया विवरण था।

    जनरल चौहान ने कहा, "चीन के साथ सीमा विवाद को मैं सबसे बड़ी चुनौती मानता हूं। दूसरी बड़ी चुनौती पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ छेड़ा गया प्रोक्सी वॉर है। पाकिस्तान की रणनीति हमेशा से यही रही है कि वह 'छोटे-छोटे हमलों से भारत को कमजोर करे'। इसका मतलब है कि नियमित अंतराल पर भारत को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचाता रहे और देश में खून-खराबे का सिलसिला जारी रखे।"

    पांचवीं चुनौती पर क्या बोले जनरल चौहान?

    पांचवीं चुनौती के बारे में सीडीएस ने कहा, "हमारे दोनों दुश्मन परमाणु हथियारों से लैस हैं और यह हमारे लिए एक चुनौती बनी रहेगी कि हम उनसे निपटने के लिए किस तरह का पारंपरिक युद्ध लड़ेंगे और किस तरह का ऑपरेशन करेंगे।"

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

    यह भी पढ़ें- एओसी शर्मा ने लद्दाख में वायुसेना की ऑपरेशनल तैयारियों को दी तेजी, भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा चुनौतियों पर की बैठक

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