'खिड़कियां तोड़ीं और ट्रेन में घुस गए...लगा जैसे मर गए', जाफर एक्सप्रेस में कैसे बीते 36 घंटे? लोकोपायलट ने बयां किया खौफनाफ मंजर
पाकिस्तान के क्वेटा में बीएलए के आतंकवादियों ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया और 440 यात्रियों को 27 घंटे तक बंधक बनाए रखा। ट्रेन को रेलवे ट्रैक उड़ा कर रोका गया और आतंकवादियों ने रॉकेट लॉन्चर ऑटोमेटिक हथियारों से हमला किया। पाक सेना ने बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाकर यात्रियों को बचाया लेकिन इस हमले में 21 नागरिक और 4 सुरक्षाकर्मी मारे गए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के क्वेटा में जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक करने का बाद उसके ड्राइवर का बयान सामने आया है। ड्राइवर अमजद ने विद्रोहियों की ओर से ट्रेन को निशाना बनाए जाने और अगवा करने की सारी घटना की आंखों-देखी बताई है। लोकोपायलट अमजद की आंखों में वह डर आज भी ज़िंदा है, जब विद्रोहियों ने ट्रेन को निशाना बनाकर सैकड़ों यात्रियों को बंधक बना लिया।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, अमजद बताते हैं, "जैसे ही ट्रेन रुकी, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों ने हमला कर दिया। उन्होंने खिड़कियां तोड़ीं और ट्रेन में घुस गए, लेकिन उन्हें लगा कि हम मर चुके हैं।"
यह हमला मंगलवार सुबह हुआ, जब बीएलए के सशस्त्र विद्रोहियों ने रेलवे ट्रैक के एक हिस्से को उड़ा दिया और ट्रेन को बलूचिस्तान के बीहड़ इलाके बोलन में रुकने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद, आतंकवादियों ने रॉकेट लॉन्चर, ऑटोमेटिक हथियार और ग्रेनेड से लैस होकर ट्रेन में घुसपैठ की और 440 यात्रियों को बंधक बना लिया। इसके बाद से अगले 30 घंटों तक फंसे यात्री डर और परेशानी में डूबे रहे।
27 घंटे की कैद को यात्रियों ने किया बयां
अर्सलान यूसुफ नामक एक यात्री ने बताया, "विद्रोही सैनिकों को पकड़ कर मार रहे थे। हमें ऐसे लगा कि हम इस कैद से कभी आजाद नहीं हो पाएंगे।" महबूब अहमद नाम का एक शख्स इस हादसे के दौरान गोलियों से घायल हो गए थे। वह बताते हैं कि उन्होंने दो बार भागने की कोशिश की, लेकिन विद्रोहियों की गोलीबारी में कई लोग मारे गए।
पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई
इस हमले के बाद, पाकिस्तानी सेना ने ट्रेन को विद्रोहियों से आजाद कराने के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया। सेना, वायुसेना और फ्रंटियर कोर के जवानों ने मिलकर विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई की। बुधवार तक, सेना ने पुष्टि की कि 21 नागरिक और 4 सुरक्षाकर्मी मारे गए, जबकि 33 विद्रोहियों को मार गिराया गया। इसके बाद, 300 से अधिक यात्री सुरक्षित बचा लिए गए।
किस्तानी सेना ने इस कार्रवाई को पूरा करने और अपनी जीत के तौर पर पेश किया, लेकिन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इसे खारिज किया। बीएलए के प्रवक्ता जीयंद बलूच ने कहा कि जो यात्री पाकिस्तान ने बचा लिया, वे असल में विद्रोहियों की ओर से छोड़ दिए गए थे। उनका कहना था, "राज्य ने बंधकों को मरने के लिए छोड़ दिया, अब उसकी मौत की जिम्मेदारी भी उसी की है।"
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