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    जेल से बाहर आएंगे इमरान खान! शहबाज सरकार से बातचीत से पहले अपनी पार्टी संग चर्चा कर बनाएंगे रणनीति

    जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि सार्थक नतीजों के लिए सरकार और उनकी पार्टी के बीच नियोजित वार्ता से पहले उन्हें मुद्दों को पूरी तरह समझने के लिए अपनी पार्टी की वार्ता टीम से मिलने की जरूरत है। इमरान खान को कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद फिलहाल हिरासत में लिया गया है।

    By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Wed, 25 Dec 2024 08:16 AM (IST)
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    PAK सरकार से चर्चा से पहले अपनी पार्टी की वार्ता टीम से मिलना चाहते हैं खान (फाइल फोटो)

    एएनआई, इस्लामाबाद (पाकिस्तान)। राजनीतिक विवादों को सुलझाने के लिए पाकिस्तान सरकार अब विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख पूर्व पीएम इमरान खान से बातचीत के लिए तैयार हो गई है।

    वहीं, डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, जेल में बंद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि सार्थक नतीजों के लिए सरकार और उनकी पार्टी के बीच नियोजित वार्ता से पहले उन्हें मुद्दों को पूरी तरह समझने के लिए अपनी पार्टी की वार्ता टीम से मिलना चाहते हैं।

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    मुद्दों को समझन के लिए वार्ता टीम से मिलना चाहते हैं इमरान

    इमरान खान को कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद फिलहाल हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया में प्रभावी रूप से शामिल होने के लिए उनके लिए मुख्य मुद्दों को समझना महत्वपूर्ण होगा।

    पिछले साल इमरान की गिरफ्तारी के बाद से पीटीआई के सरकार और प्रतिष्ठान दोनों के साथ तनावपूर्ण संबंध खराब हो गए हैं, जिसके कारण कई विरोध प्रदर्शन हुए।

    पिछले महीने पीटीआई के "फाइनल कॉल" पावर शो के बाद से पार्टी के इर्द-गिर्द राजनीतिक माहौल लगातार तनावपूर्ण होता जा रहा है, जिसके बाद पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की मांग फिर से उठने लगी है।

    पार्टी ने सरकार पर एक दर्जन पीटीआई समर्थकों की कथित मौत के बाद "दुर्भावनापूर्ण अभियान" चलाने का भी आरोप लगाया, जिसका सरकार आधिकारिक तौर पर खंडन करती है।

    PAK सरकार और खान के बीच वार्ता

    इसके बावजूद, सरकार के साथ बातचीत करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाने के बाद, पीटीआई सांसदों ने संसद में अपना रुख नरम कर लिया है।

    इसके बाद, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक की सिफारिश पर सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के साथ एक समिति गठित की।

    दोनों समितियों के बीच पहली बैठक कल हुई, जिसमें राजनीतिक तनाव को कम करने के उद्देश्य से लंबे समय से प्रतीक्षित वार्ता की शुरुआत हुई।

    अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में, इमरान खान ने अपनी पार्टी की वार्ता समिति के प्रयासों को स्वीकार करते हुए इसे "अच्छी बात" बताया।

    हालांकि, उन्होंने मुद्दों की गहन समझ के लिए समिति के साथ बैठक करने के महत्व पर जोर दिया, जिससे वार्ता को और अधिक प्रभावशाली बनाने में मदद मिलेगी। इमरान ने एमएनए साहिबजादा मोहम्मद हामिद रजा को पीटीआई की वार्ता समिति का आधिकारिक प्रवक्ता भी नियुक्त किया।

    इमरान ने सरकार से दो प्रमुख मांगें रखीं: विचाराधीन राजनीतिक कैदियों की रिहाई और 9 मई और 26 नवंबर, 2023 की घटनाओं की जांच के लिए वरिष्ठ न्यायाधीशों से युक्त एक न्यायिक आयोग का गठन (judicial commission consisting of senior judges)। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इन मांगों को पूरा करने के लिए सहमत हो जाती है, तो पीटीआई अपना सविनय अवज्ञा आंदोलन (civil disobedience movement) स्थगित कर देगी।

    हालांकि, इमरान ने चिंता जताई कि सरकार न्यायिक आयोग की उनकी मांग को नजरअंदाज कर सकती है। इसके अलावा, इमरान ने 9 मई के दंगों के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों पर हिंसक हमलों में शामिल होने के लिए दोषी ठहराए गए 25 व्यक्तियों को सैन्य अदालतों द्वारा दी गई सजा को खारिज कर दिया और फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया।

    इस बीच, इमरान के साथ बैठक के बाद अदियाला जेल के बाहर मीडिया से बात करते हुए पीटीआई के अध्यक्ष गौहर खान ने खुलासा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने वार्ता के लिए एक समय सीमा की मांग की थी और एक निश्चित अवधि के भीतर पार्टी की मांगों पर प्रगति की उम्मीद जताई थी।

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