दो युवकों को पहले अगवा किया, फिर मार दी गोली... बलूचिस्तान में पाक सरकार समर्थित मिलिशिया का आतंक
सरकार समर्थित मिलिशिया ने दो लापता युवकों नईम शाय और इकबाल हकीम की गोली मारकर हत्या कर दी। नईम को पहले भी अगवा किया गया था जबकि इकबाल कराची विश्वविद्यालय का छात्र था। मानवाधिकार समूहों ने इसे बलूचिस्तान में गैरकानूनी हिंसा का हिस्सा बताया है। बलूच यकजहती कमेटी ने पाकिस्तानी सीटीडी पर एक महिला को पीटने का आरोप भी लगाया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विगत कई दिनों से लापता चल रहे दो युवकों की सरकार समर्थित मिलिशिया ने गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते शुक्रवार, 29 साल का नईम शाय चचेरे भाई 19 साल के इकबाल हकीम के साथ रिश्तेदारों से मिलने जा रहा था।
रास्ते में सरकार समर्थित मिलिशिया ने दोनों को पकड़ लिया और मौके पर ही गोली मार दी। मिलिशिया को स्थानीय तौर पर डेथ स्कवायड कहा जाता है। नईम को साल 2022 में उसके पिता, भाई और तीन अन्य रिश्तेदारों के साथ पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों ने अगवा कर लिया था।
बलूच महिला को पाक फौजियों ने पीटा
नईम का चचेरा भाई इकबाल कराची विश्वविद्यालय से बीए की पढ़ाई कर रहा था। इकबाल को भी लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था। वह इसी मिलिशिया की निगरानी में भी चल रहा था। ''द बलूचिस्तान पोस्ट'' के अनुसार, मानवाधिकार समूहों और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने इन हत्याओं को बलूचिस्तान में गैरकानूनी हिंसा के एक बड़े पैटर्न का हिस्सा बताया।
उन्होंने कहा कि बलूच युवाओं का जबरन गायब होना और गैरकानूनी हत्याएं इस क्षेत्र में समस्या बन गई हैं। बलूच यकजहती कमेटी (बीवाईसी) की कार्यकर्ता सम्मी दीन बलूच ने पाकिस्तान के आतंकवादी निरोधक विभाग (सीटीडी) पर एक बलूच महिला को पीटने का आरोप लगाया है।
उन्होंने बताया कि ये महिला कराची की एक गली से अपने भाई को अगवा होने से बचाने का प्रयास कर रही थी। हालांकि वह उसे बचा नहीं पाई और युवक को अगवा कर लिया गया। महिला को बैटन और डंडों से बुरी तरह पीटा गया। इससे जुड़ा वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर काफी चर्चित है।
(न्यूज एजेंसी एएनआई के इनपुट के साथ)
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