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    9/11 पीड़ितों के परिजनों को बलोच कार्यकर्ताओं की चिट्ठी, ISI पर आतंकवादियों के समर्थन का लगाया आरोप

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 11:00 PM (IST)

    पाकिस्तान में बलोच कार्यकर्ताओं ने 9/11 पीड़ितों के परिवारों को पत्र लिखकर शोक व्यक्त किया और पाकिस्तान की ISI पर आतंकवादियों को समर्थन देने का आरोप लगाया। पत्र में कहा गया है कि ISI ने अल-कायदा और ओसामा बिन लादेन को शरण दी जिससे अमेरिका नाटो और अफगानिस्तान में भारी तबाही हुई। यह भी आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान ने अमेरिकी फंड का इस्तेमाल तालिबान का समर्थन करने में किया।

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    9/11 पीड़ितों के परिजनों को बलोच कार्यकर्ताओं की चिट्ठी (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में प्रमुख बलोच कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को अमेरिका में 9/11 के पीड़ितों के परिवारों को पत्र लिखा, जिसमें 24 साल पहले खोई गई निर्दोष जिंदगियों का शोक मनाया गया और उन हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को याद किया गया जो अमेरिका, नाटो देशों, बलुचिस्तान और अफगानिस्तान में बाद में पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) और सैन्य खुफिया एजेंसियों के पाले हुए आतंकी संगठनों के हाथों मारे गए।

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    मानवाधिकार रक्षक मीर बलोच ने एक्स पर पोस्ट किए गए पत्र में विस्तार से बताया, ''यह कोई रहस्य नहीं है, रिपोर्टों के ढेर हैं जो बताते हैं कि ओसामा बिन लादेन और अल-कायदा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों और सैन्य जनरलों ने शरण दी थी। इसमें भी पाकिस्तान के राजनीतिक नेताओं की मौन सहमति थी।

    वित्तीय, सैन्य और लाजिस्टिक समर्थन के साथ उन्हें युद्ध छेड़ने के लिए सक्षम बनाया गया जिससे अमेरिका, नाटो और अफगानिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ी और हर-तरफ तबाही हुई।''

    ISI ने अमेरिका को अफगानिस्तान में अमेरिका के पैसे से हराया- पत्र

    पत्र में कहा गया है कि पाकिस्तान के अपने जनरलों ने आतंकवादी संगठनों के साथ मिलीभगत को खुले तौर पर स्वीकार किया है। जब भी इतिहास लिखा जाएगा, यह दर्ज होगा कि आइएसआइ ने अफगानिस्तान में अमेरिका के पैसे से सोवियत संघ को हराया और 9/11 के बाद आइएसआइ ने फिर से अमेरिका को अफगानिस्तान में अमेरिका के पैसे से हराया।''

    पाकिस्तान ने तालिबान का समर्थन कर अमेरिकी फंड का इस्तेमाल किया- पत्र

    पत्र में आइएसआइ के पूर्व प्रमुख जनरल हामिद गुल के एक साक्षात्कार का हवाला दिया गया है जो पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट एआरवाइ टीवी को दिया गया था। पत्र के अनुसार, एक अन्य आइएसआइ प्रमुख जनरल असद दुर्रानी ने एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट पर स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने तालिबान का गुप्त समर्थन करते हुए अमेरिका के फंड का उपयोग किया। यह कहते हुए कि अमेरिका और पाकिस्तान कभी साझेदार नहीं थे। वे युद्ध की स्थिति में हैं।

    पाकिस्तान ने 9/11 की त्रासदी को लाभदायक व्यवसाय में बदला- पत्र

    पत्र में विस्तार से बताया गया, ''पाकिस्तान ने 9/11 की त्रासदी को एक लाभदायक व्यवसाय में बदल दिया। अपने सैनिकों के लिए 'ब्लड मनी' के रूप में अमेरिकी सहायता में 33 अरब डालर की रकम अपने नाम की। आतंकवाद से लड़ने के लिए मिली यह रकम इस्लामाबाद के जनरलों के लिए लाभकारी उद्यम बन गया। और आज वही जनरल फिर से बलुचिस्तान के जख्मों को गहरा कर रहे हैं।

    (समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)

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